तिमाही के नतीजे
कंपनी ने बताया कि उसके कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 89 प्रतिशत का सालाना बढ़ोतरी दर्ज की. कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट इस तिमाही में 745 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 394 करोड़ रुपये था.
इसके साथ ही, कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू इस तिमाही में 4,426 करोड़ रुपये हो गया. यह रेवेन्यू वित्त वर्ष की इसी तिमाही में दर्ज किए गए 3,408 करोड़ रुपये से 30% अधिक है.
अगर पिछली तिमाही से तुलना करें तो कंपनी का प्रॉफिट मार्च तिमाही के 619 करोड़ रुपये से 20% तक बढ़ गया, जबकि कंपनी का रेवेन्यू 4,004 करोड़ रुपये से लगभग 11% बढ़ गया.
वारी एनर्जीज़ तीन प्रमुख सेगमेंट में काम करती है: सोलर पैनल मन्युफैक्चरिंग, सोलर प्रोजेक्ट्स सर्विसेज (ईपीसी), और पावर जनरेशन. वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में, कंपनी ने अपने सोलर पैनल बिजनेस में मज़बूत वृद्धि दर्ज की, और रेवेन्यू पिछली तिमाही के 3,617 करोड़ रुपये और एक साल पहले के 3,178 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,872 करोड़ रुपये हो गया.
ईपीसी सेगमेंट ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और 589 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया, जो पिछली तिमाही के 465 करोड़ रुपये और पिछले साल इसी तिमाही के 226 करोड़ रुपये से ज़्यादा है. हालाँकि, पावर जनरेशन सेगमेंट से रेवेन्यू साल-दर-साल लगभग अपरिवर्तित रहा और 11 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 8 करोड़ रुपये से मामूली वृद्धि दर्शाता है.
इस तिमाही में कंपनी का कुल खर्च 3,654 करोड़ रुपये रहा. यह पिछली तिमाही के 3,291 करोड़ रुपये और पिछले साल इसी तिमाही के 2,966 करोड़ रुपये से ज़्यादा है. इन खर्चों में मुख्य रूप से कच्चे माल की लागत, स्टॉक-इन-ट्रेड और कर्मचारियों से संबंधित लगातें शामिल थे.
Mutual Funds भी बुलिश
कंपनी के स्टॉक पर म्यूचुअल फंड भी बुलिश है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, म्यूचुअल फंड ने जून 2025 तिमाही में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 1.07% से बढ़ाकर 1.42% कर दिया है.
Source: Economic Times