सुजलॉन एनर्जी के नतीजों के बाद स्टॉक गिरा, लेकिन ब्रोकरेज ने कहा निचले स्तर पर खरीदने का मौका, टारगेट भी बताए

सुजलॉन एनर्जी के तिमाही नतीजों के बाद बुधवार को विंड एनर्जी कंपनी के शेयरों में 4% से ज़्यादा की गिरावट आई, लेकिन ब्रोकरेज फर्म अभी भी कह रहे हैं कि इस स्टॉक में निचले स्तरों पर खरीदारी का मौका है. पहली तिमाही में रिकॉर्ड डिलीवरी, शानदार ऑर्डर फ्लो और मज़बूत घरेलू मांग के अनुमान के कारण ब्रोक्रेज फर्म ने इस स्टॉक का टारगेट 80 रुपये तक बढ़ा दिया है.

Suzlon Energy Ltd के शेयर प्राइस बुधवार को 4.40% की गिरावट के बाद 60.34 रुपए के लेवल पर बंद हुआ.कंपनी का मार्केट कैप 82.50 हज़ार करोड़ रुपए है.
मोतीलाल ओसवाल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज़, जेएम फ़ाइनेंशियल और नुवामा ने कहा कि सुज़लॉन एनर्जी कंपनी की कार्यान्वयन गति, 60% एनुअल गोथ का अनुमान और घरेलू बाज़ार के फ़ायदे, इस महीने के अंत में सीएफओ के जाने जैसी निकट भविष्य की चुनौतियों पर भारी पड़ेंगे.

सुजलॉन द्वारा वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे अनुमानों के अनुरूप आने के बाद मोतीलाल ओसवाल ने स्टॉक पर अपनी ‘बाय’ रेटिंग की कनफर्म करते हुए 80 रुपये का टारगेट प्राइस निर्धारित किया है, जो पिछले बंद भाव 63 रुपये से 27% की बढ़त दर्शाता है.
ब्रोकरेज ने “444 मेगावाट पर मज़बूत निष्पादन की उम्मीद जताई जो साल-दर-साल (YoY) 62% की ग्रोथ और 19% के मज़बूत EBITDA मार्जिन पर प्रकाश डाला. 1.34 अरब रुपये के टैक्स के कारण एडजस्टमेंट टैक्स के बाद प्रॉफिट उम्मीदों से कम रहा, वहीं मोतीलाल ओसवाल ने टाटा पावर के साथ 700 मेगावाट के संभावित डील और प्रति मेगावाट प्राप्तियों में सुधार को प्रमुख बढ़त के कारक बताया.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज़ ने 76 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है, जो सुजलॉन के “अब तक के सबसे ज़्यादा पहली तिमाही के निष्पादन” और 5.7 गीगावाट की बढ़ती ऑर्डर बुक की ओर इशारा करती है, जो वित्त वर्ष 2025 के निष्पादन स्तरों से लगभग 3.7 गुना ज़्यादा है.
ब्रोकरेज ने कहा कि विंड एनर्जी टूल्स के लिए सरकार का घरेलू सोर्सिंग ऑर्डर सुजलॉन को घरेलू बाज़ार का लाभ” देता है. बाज़ार में इसकी लगभग 40% बाज़ार हिस्सेदारी है.

जेएम फाइनेंशियल सुज़लॉन एनर्जी पर 78 रुपये के लक्ष्य के साथ ‘बाय’ रेटिंग दी है. ब्रोकरेज ने कहा कि ऑपरेटिंग लीवरेज ने मार्जिन में सुधार को बढ़ावा दिया है और डब्ल्यूटीजी सेगमेंट का ईबीआईटी मार्जिन एक साल पहले के 10% से बढ़कर 15% हो गया है. हालाँकि ब्रोकरेज ने आगाह किया कि हाल की तिमाहियों में इंस्टॉलेशन डिलीवरी में पिछड़ गए हैं.

Source: Economic Times