क्याआप यह सोचते हैं कि शेयरों को खरीद करने के बाद लंबे समय तक उन्हें अपने पास बनाए रखने से मोटी कमाई होगी? अगर हां तो आपको समीर अरोड़ा की बात ध्यान से सुनने की जरूरत है। अरोड़ा दिग्गज फंड मैनेजर हैं। वह हेलियस कैपिटल के फाउंडर भी हैं। उन्होंने इस धारणा को गलत बताया है कि शेयरों को खरीदने के बाद लंबे समय तक अपने पास बनाए रखने से आप स्टॉक मार्केट्स में कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
मार्केट में सफलता के लिए सही शेयरों का चुनाव सबसे जरूरी
Samir Arora का मानना है कि शेयरों से मोटी कमाई करने के लिए सबसे जरूरी है सही स्टॉक्स में निवेश करना। आपको ऐसे शेयरों में निवेश करना होगा, जिनका प्रदर्शन लंबी अवधि में अच्छा बना रहे। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह सुनने में आसान लगता है कि लेकिन काफी मुश्किल काम है। उन्होंने बताया कि ऐसे शेयर 5 फीसदी से भी कम है, जिन्हें आप लंबी अवधि के लिए अपने पास रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि कंपनी के मैनेजमेंट और ऐसे दूसरे लोगों को भी पता नहीं होता कि आगे उनकी कंपनी का प्रदर्शन कैसा रहेगा।
सिर्फ शेयरों को लंबी अवधि तक रखने से नहीं होगी कमाई
उन्होंने कहा कि इसलिए यह सोच सही नहीं है कि सिर्फ शेयरों को लंबे समय तक अपने पास बनाए रखना अच्छे रिटर्न की गारंटी है। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से हर स्टॉक्स लंबे समय के लिए रखा जाता है। इसे या तो इंडिविजुअल इनवेस्टर्स रखते हैं या शेयरहोल्डर्स का ग्रुप अपने पास रखता है। आम तौर पर यह माना जाता है कि ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों को अगर लंबे समय तक रखा जाए तो अच्छा रिटर्न मिलता है।
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ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को किया है मालामाल
कई एक्सपर्ट्स HUL, Infosys, TCS, Britannia, L&T जैसी कंपनियों का उदाहरण देते हैं। उनका कहना है कि ऐसे शेयरों को 15-20 साल तक रखने वाले लोगों ने मोटा प्रॉफिट कमाया है। लेकिन, यह ध्यान में रखना होगा कि ये कंपनियां अपने बेहतर प्रदर्शन के लिए जानती जाती हैं। ये कंपनियां अपने सेक्टर की लीडर हैं। इनमें फटाफट रिटर्न के लिए निवेश करने से इनवेस्टर्स कतराते हैं।
It is easy to disprove the argument that secret of success in equity investing is holding stocks for the long term. Secret is to find stocks that do well in the long term and hold them and that is very difficult to do for only less than 5% of stocks are worth holding for real…
— Samir Arora (@Iamsamirarora) June 29, 2025
लंबी अवधि में कई शेयरों की वैल्यू जीरो हो जाती है
इससे पहले अरोड़ा ने कहा था कि उनके ऐसे कई दोस्त हैं, जिन्होंने कंपनियों के फिजिकल शेयर 1980 के दशक या 1990 के दशक की शुरुआत में खरीदे थे। उन्होंने इन शेयरों को 35 सालों तक अपने पास बनाए रखा। लेकिन, आज उनकी वैल्यू जीरो है या उनकी वैल्यू पता करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि शेयरों के साथ यह बहुत बड़ी समस्या है।
Source: MoneyControl