शेयर मार्केट में बढ़त तो दिख रही है लेकिन कॉन्फिडेंस की कमी लग रही है, क्योंकि ऊपरी लेवल पर दबाव है. कमज़ोर कॉरपोरेट अर्निंग सीज़न और यूएस-इंडिया ट्रेड डील बाज़ार के लिए यो दो प्रमुख डर हैं, जो उसके ऊपरी लेवल पर शक करने का कारण बन रहे हैं.
बैंकिंग सेक्टर में तेज़ीदेखी जा रही है. इटरनल ( ज़ोमैटो ) की मज़बूत कमाई से उत्साहित बाज़ार में शुरुआती बढ़त रही. ज़ोमैटो के शेयर प्राइस में 10% की तेज़ी देखी गई.
1 अगस्त की समयसीमा नज़दीक आने के साथ अमेरिका के साथ संभावित ट्रेड डील से पहले निवेशक भी सतर्कता बरत रहे हैं.
सेंसेक्स के शेयरों में, इटरनल, ट्रेंट , टाटा स्टील , बीईएल , आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक सबसे ज़्यादा बढ़त में रहे, जबकि इंफोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा और कोटक बैंक लाल निशान में खुले.
इटरनल ने पहली तिमाही में परिचालन से राजस्व में 70% की सालाना वृद्धि दर्ज करते हुए 7,167 करोड़ रुपये की बढ़त दर्ज की, जो इसके क्विक कॉमर्स और फूड डिलेवरी में मजबूत वृद्धि का नतीजा है.
सेक्टोरल इंड्केक्स देखें तो निफ्टी मेटल, प्राइवेट बैंक और ऑयल एंड गैस इंडेक्स बढ़त के साथ खुले, जबकि ऑटो, एफएमसीजी, फार्मा, रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे. निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.36% की वृद्धि हुई, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 स्थिर रहा.
ग्लोबल मार्केट में पॉज़िटिव ट्रेंड है. आज का सीन आशावादी बना हुआ है. वॉल स्ट्रीट की बढ़त और अमेरिका-भारत ट्रेड डील को लेकर आशावाद से तेजी की संभावना को बल मिला है. एफआईआई की बिकवाली और फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल पर दबाव को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं, जिससे फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं.
इंस्टीट्यूट की एक्टिविटीज़ देखें तो 21 जुलाई को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार तीसरे दिन शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 1,681 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगातार 11वें दिन भी खरीदारी जारी रखी और 3,578 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
Source: Economic Times