शेयर मार्केट एक्सपर्ट संजीव भसीन ने फ्रंट रनिंग के आरोपों के खिलाफ सेबी के बैन को चुनौती दी

शेयर मार्केट में स्टॉक रेकमंडेशन देने वाले बड़े नाम में से एक रहे संजीव भसीन ने सेबी की उस कारवाई को चुनौती दी है, जिसमें सेबी ने भसीन पर फ्रंट रनिंग के आरोपों के बाद उन पर बैन लगाया. अब भसीन ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सेबी के बैन को चुनौती दी है.

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के पूर्व निदेशक और टीवी चैनल पर कभी जाना-पहचाना चेहरा रहे संजीव भसीन ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में अपील दायर कर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन पर फ्रंट-रनिंग और शेयर मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाया गया है.
सेबी ने 17 जून को जारी एक कड़े इंटेरिम ऑर्डर में सेबी ने भसीन और 11 अन्य को सिक्योरिटी मार्केट में कारोबार करने से रोक दिया. नियामक ने आरोप लगाया कि भसीन ने टेलीविजन और सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से स्टॉक रिकमंडेशन करने से पहले शेयरों में पोजीशन लेकर “धोखाधड़ी और हेराफेरी” की, जिससे उन्होंने गैरकानूनी मुनाफा कमाया. सेबी के आदेश में कथित रूप से अर्जित 11.37 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को जब्त करने का भी निर्देश दिया गया.

स्टॉक टिप्स, प्रॉफिट और सोशल मीडिया का नया रूप

भसीन ने अप्रैल 2017 से नवंबर 2022 तक IIFL के निदेशक के रूप में कार्य किया और जून 2024 तक सलाहकार के रूप में काम करते रहे. वे नेशनल समाचार चैनलों और IIFL के टेलीग्राम चैनल पर प्रसारित उनकी स्टॉक रिकमंडेशन के लिए व्यापक रूप से जाने जाते थे.
1 जनवरी, 2020 से 12 जून, 2024 की अवधि को कवर करने वाली सेबी की जांच में पाया गया कि भसीन पहले खुद सिक्योरिटी खरीदी और बाद में टीवी पर उपस्थिति और टेलीग्राम पोस्ट के माध्यम से उन्हें आम लोगों को रिकमंड किया. आदेश के अनुसार भसीन ने वीनस पोर्टफोलियो प्राइवेट लिमिटेड, जेमिनी पोर्टफोलियो प्राइवेट लिमिटेड और एचबी स्टॉकहोल्डिंग्स से जुड़े खातों का उपयोग करके कई ट्रेड लिये गए. सेबी ने कथित योजना में लाभ कमाने वालों के रूप में पहचान की. आदेश में कहा गया है कि ये ट्रेड ब्रोकर आरआरबी मास्टर सिक्योरिटीज दिल्ली के माध्यम से किए गए थे.
सेबी ने कहा, “इन ट्रेड से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि संजीव भसीन अपनी सिफारिशों के प्रति ईमानदार नहीं थे. निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई इस सलाह को रिसर्च बेस्ड रिपोर्ट मानकर लगाई होगी, लेकिन वे धोखा खा गए. नियामक के निष्कर्ष व्हाट्सएप चैट और ऑडियो फाइलों सहित सबूतों पर आधारित थे, जिनसे कथित तौर पर पता चला कि भसीन ने अपने ट्रेड का समय मीडिया में आने से पहले या उसके साथ ही तय किया था और अक्सर रिटेल कीमतों में उछाल के बाद ही वे बाहर निकल जाते थे.

सैट अब भसीन की अपील पर सुनवाई करेगा क्योंकि वह ट्रेडिंग प्रतिबंध और नियामक के निष्कर्षों को पलटने की मांग कर रहे हैं. तब तक भसीन ट्रेडिंग फ्लोर से दूर रहेंगे.

Source: Economic Times