वित्तवर्ष 2026 की पहली तिमाही में विप्रो लिमिटेड का प्रॉफिट बढ़ सकता है. इस संभावना को भांपते हुए स्टॉक में बुधवार को 2% से अधिक की तेज़ी रही और वह 262.70 रुपए के लेवल पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप 2.75 लाख करोड़ रुपए है. तिमाही नतीजों से एक दिन पहले स्टॉक में बीएसई पर अच्छे खासे वॉल्यूम में ट्रेड हुआ और इसमें से 43% शेयर डिलीवरी में गए. यह संकेत है कि स्टॉक में गुरुवार को तेज़ी आ सकती है. Wipro Ltd के शेयर होल्डिंग पैटर्न में देखें तो प्रमोटर्स के पास 776 करोड़ शेयर हैं , जिसमें से 43 करोड़ शेयर प्रेम अज़ीम जी के पास हैं. एफआईआई ने 30 जून को समाप्त तिमाही में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.
कैसा रह सकता है तिमाही परिणाम
विप्रो लिमिटेड के तिमाही परिणाम में कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) में सालाना आधार पर 5-12% की बढ़ोतरी हो सकती है. राजस्व में नरमी रहने की संभावना है.
टियर-1 आईटी सर्विस कंपनी विप्रो गुरुवार, 17 जुलाई को अपनी पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा करेगी. यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में लगातार कमज़ोर मांग और क्लाइंट के बजट की चुनौतियों के कारण कंपनी की राजस्व वृद्धि धीमी रहने की उम्मीद है. हालांकि ब्रोकरेज फर्म लागत नियंत्रण और मुद्रा की अनुकूल परिस्थितियों के कारण स्थिर मार्जिन का अनुमान लगा रहे हैं. टैक्स के बाद प्रॉफिट (पीएटी ) में 5-12% की वृद्धि होने का अनुमान है, जो 3,161 करोड रुपए से 3,351 करोड़ रुपए के बीच अनुमानित है.
इस बीच अप्रैल-जून तिमाही में राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर 2% पर स्थिर रह सकती है, जिसके 21,991 करोड़ रुपए से 22,358 करोड़ रुपए के बीच रहने का अनुमान है.
चार ब्रोकरेज कंपनी एलारा कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और एचएसबीसी के अनुमानों को ध्यान में रखा गया है.
यहां छह प्रमुख मानकों पर विश्लेषकों की अपेक्षाओं का विवरण दिया गया है.
पीएटी (टैक्स के बाद प्रॉफिट)
ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि क्रमिक नरमी के बावजूद विप्रो का नेट प्रॉफिट साल-दर-साल आधार पर मजबूत बना रहेगा.
एलारा कैपिटल ने एडजस्टेड पीएटी 3,351 करोड़ रुपये आंका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.3% अधिक तथा तिमाही-दर-तिमाही 6.6% कम है.
जेएम फाइनेंशियल का अनुमान है कि टैक्स के बाद प्रॉफिट 3,350 करोड़ रुपये रहेगा, जो वर्ष दर वर्ष 11.6% बढ़ेगा, लेकिन तिमाही दर तिमाही 6.1% की गिरावट होगी.
कोटक इक्विटीज का अनुमान 3,309 करोड़ रुपये के साथ थोड़ा कम है, जो वर्ष-दर-वर्ष 10.2% बढ़ोतरी और तिमाही-दर-तिमाही 7.3% गिरावट दर्शाता है.
हालांकि एचएसबीसी ने तिमाही-दर-तिमाही 11.4% की तीव्र गिरावट का अनुमान लगाया है और पीएटी 3,161 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो कि अभी भी वर्ष-दर-वर्ष 5.3% की बढ़ोतरी है.
Source: Economic Times