लो लेवल से 52% की तेज़ी, अब इस मिडकैप स्टॉक पर ब्रोकरेज ने भी जताया भरोसा, LIC की भी हिस्सेदारी

नई दिल्ली: मिडकैप कंपनी Dixon Technologies के स्टॉक में बुधवार को तेज़ी देखने को मिल रही है. स्टॉक में 4 प्रतिशत की तेज़ी देखी गई, जिससे स्टॉक ने 16,450 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. साथ ही ख़बर लिखे जाने तक भी कंपनी के शेयर 1.72 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 16,093 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे. स्टॉक अपने लो लेवल से 52 प्रतिशत की तेज़ी दिखा चुका है. यह तेज़ी तब देखने को मिल रही है जब ब्रोकरेज फर्म CLSA ने स्टॉक पर अपना भरोसा जताया है.

क्या कहा ब्रोकरेज ने?

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने स्टॉक पर ‘हाई कंविक्शन ऑउटपरफॉर्म’ रेटिंग दी है. जिसके लिए ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 19,000 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है.
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि डिक्सन अपने स्मार्टफोन निर्माण में और अधिक मूल्य जोड़ने के लिए कैमरा मॉड्यूल और फोन के बाहरी आवरण खुद बनाना शुरू कर रहा है. कंपनी ने क्यू टेक इंडिया का 51% हिस्सा खरीदने का फैसला किया है, जो हर महीने लगभग 4 मिलियन कैमरा मॉड्यूल का प्रोडक्शन कर सकती है.

डिक्सन ने चोंगकिंग युहाई के साथ एक ज्वॉइंट वेंचर समझौता भी किया है, जिसमें डिक्सन की 74% और युहाई की 26% हिस्सेदारी होगी. दोनों मिलकर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के लिए आवरण (एन्क्लोज़र) का निर्माण करेंगे.
सीएलएसए के अनुसार, ये नए प्रयास—डिस्प्ले मॉड्यूल बनाने के लिए डिक्सन की एचकेसी के साथ मौजूदा साझेदारी के साथ—डिक्सन को अपने स्मार्टफोन प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. यह “वैल्यू एडिशन” वर्तमान लेवल केवल 15-17% की तुलना में लगभग 45-55% तक बढ़ सकता है.
ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि इन बदलावों से डिक्सन के लाभ मार्जिन में 1.5 से 2 प्रतिशत अंकों की वृद्धि हो सकती है और कंपनी के लिए अन्य कंपनियों को पार्ट्स बेचकर पैसा कमाने का एक नया तरीका तैयार हो सकता है.

LIC की भी हिस्सेदारी

कंपनी में एलआईसी की भी हिस्सेदारी है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, मार्च 2025 तक, कंपनी में एलआईसी के पास 705,036 शेयर यानी कंपनी की 1.17 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times