तिमाही के नतीजे
सरकारी कंपनी ने जून तिमाही में अपने कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 36 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की है. कंपनी का नेट प्रॉफिट इस तिमाही में 66 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 49 करोड़ रुपये था.
कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू सालाना आधार पर 33 प्रतिशत बढ़कर 744 करोड़ रुपये हो गया. जबकि पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 558 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया था.
हालांकि पिछली क्वार्टर से तुलना करें, तो रेलटेल के परफॉरमेंस में गिरावट देखने को मिली है. मार्च तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 113 करोड़ रुपये 42 प्रतिशत तक गिर गया,जबकि कंपनी का रेवेन्यू 1308 करोड़ रुपये से 43 प्रतिशत कम हो गया.
कंपनी की अन्य आय की बात करें तो इस तिमाही में यह 14 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 19 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में यह 20 करोड़ रुपये था.
कंपनी के टेलीकॉम सर्विसेज का रेवेन्यू वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 335 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में यह 328 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था.
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में, रेलटेल का कुल खर्च 672 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 493 करोड़ रुपये से ज़्यादा है, लेकिन पिछली तिमाही के 1,189 करोड़ रुपये से कम है. इन खर्चों में मुख्य रूप से एक्सेस और अन्य सेवाओं के लिए शुल्क, दूरसंचार विभाग (DoT) को भुगतान की गई लाइसेंस फीस, चल रही परियोजनाओं से संबंधित लागत, वित्तीय लागत और कर्मचारी लाभ पर खर्च शामिल थे.
FII भी बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारी
कंपनी में एफआईआई भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 3.33% से बढ़ाकर 3.67% कर दिया है.
Source: Economic Times