रिलायंस एजीएम से पहले नोट करें ये खास बातें, RIL में निवेश है तो ऐसी अहम जानकारी मिस न करें

रिलायंस इंड्स्ट्रीज़ की वार्षिक आम बैठक याने एजीएम 29 अगस्त 2025, शुक्रवार को होगी, जिसमें कई अहम घोषणा हो सकती हैं. रिलायंस एजीएम अपने आपमें एक बड़ी इवेंट हैं, जिसका असर न केवल कंपनी पर बल्कि पूरे सेक्टर पर पड़ सकता है. इस मीटिंग से पहले ब्रोकरेज हाउस अपनी रिपोर्ट पेश कर रही है.

ब्रोक्रेज हाउस जेफरीज़ ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक रिपोर्ट का विश्लेषण जारी किया है , जिसमें जियो, रिटेल और ऊर्जा बिज़नेस के रुझानों के साथ-साथ कैपेक्स पैटर्न, फ्री कैश फ्लो (एफसीएफ) और भविष्य के विकास क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है. ब्रोकरेज ने 1670 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ शेयर को खरीदने की रेटिंग दी है. Reliance Industries Ltd के शेयर प्राइस मंगलवार को 2.84% की तेज़ी के साथ 1421 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 19.21 लाख करोड़ रुपए है.
निरंतर एफसीएफ प्रोडक्शन, अनुशासित पूंजीगत व्यय आवंटन और उपभोक्ता एवं एनर्जी बिज़नेस में स्पष्ट ग्रोथ के साथ जेफरीज़ रिलायंस इंडस्ट्रीज को लॉन्ग टर्म निवेश के लिए बेहतर स्टॉक के रूप में देखता है.

जेफरीज़ ने रिलायंस पर इन बातों को अपनी रिपोर्ट का आधार बनाया है.

1. कैपिटलाइज़्ड कॉस्ट में वृद्धि

जेफरीज़ ने बताया कि रिलायंस की पूंजीकृत लागत साल-दर-साल 48% बढ़कर 5.7 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई, जिसका कारण जियो और रिटेल है. जियो में 7% की वार्षिक वृद्धि देखी गई (फाइबर में 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर और स्पेक्ट्रम लागत में 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर, बैलेंस शीट में कैपिटलाइज़्ड). रिटेल की पूंजीकृत लागत साल-दर-साल 128% बढ़कर 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई, जिसका मुख्य कारण अमोर्टाइज्ड ग्राहक अधिग्रहण लागत और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म डेवलपमेंट था.

2. कंसोल के पूंजीगत व्यय में गिरावट

हाई कैपिट्लाइज़ेशन के बावजूद कंसोलिडेट कैपेक्स साल-दर-साल 14% घटकर 16.6 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जिसमें जियो (5.5 अरब अमेरिकी डॉलर) और एकल पूंजीगत व्यय (4.4 अरब अमेरिकी डॉलर) का योगदान रहा. रिटेल कैपेक्स साल-दर-साल 37% की ग्रोथ के साथ 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया.

3. मजबूत एफसीएफ जनरेशन

लगातार दूसरे वर्ष रिलायंस ने पॉज़िटिव फ्री कैश फ्लो दर्ज किया. कंसोलिडेट ऑपरेटिंग कैश फ्लो 10% वार्षिक ग्रोथ के साथ 20.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि वर्किंग कैपिटल/EBITDA कन्वर्ज़न 108% रहा. जियो ने 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हेडलाइन FCF दर्ज किया.

4. नेट कर्ज़ में 5% वार्षिक बढ़ोतरी

जियो हॉटस्टार में बड़े ब्याज पूंजीकरण और निवेश के कारण नेट डेट में बढ़ोतरी हुई. स्पेक्ट्रम देनदारियों में कुल कर्ज़ 5% वार्षिक वृद्धि के साथ 29.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. नेट डेट 9% वार्षिक वृद्धि के साथ 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जिसमें जियो का शुद्ध ऋण 21.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. कर्ज़ की लागत 65 आधार अंक वार्षिक वृद्धि के साथ 9.6% हो गई, जबकि आरएस ऋण का हिस्सा बढ़कर 43% हो गया.

5. रिटर्न रेशो मॉडरेड

कंसोलिडेट रिटर्न रेशो कमज़ोर हुआ. O2C प्रॉफिटिबिलिटी में गिरावट के कारण ROCE साल-दर-साल घटकर 7% रह गया, जबकि स्टैंडअलोन ROCE 7.1% (बनाम 11.3%) रहा. रिटेल का ROCE मामूली रूप से गिरकर 7.2% रह गया, जबकि जियो का ROCE 5.7% रहा.

जेफरीज़ की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता व्यवसायों में निवेश किए गए 6 ट्रिलियन रुपये के एफसीएफ ने 18 ट्रिलियन रुपये के इक्विटी वैल्यू क्रिएट की है.

Source: Economic Times