इस समझौते पर किए हस्ताक्षर
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने घोषणा की कि इस समझौते (एमओयू) से भारत को अन्य देशों पर निर्भर हुए बिना, अपनी स्वयं की टेक्नोलॉजी और संसाधनों का इस्तेमाल करके अपना पहला पोलर रिसर्च वेसल (पीआरवी) बनाने में मदद मिलेगी.
समझौते के तहत, गार्डन रीच को पोलर रिसर्च वेसल के डिजाइन में मदद मिलेगी. डिजाइन को नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशियन रिसर्च की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जाएगा, जो पोलर इलाकों और दक्षिणी महासागर में वैज्ञानिक रिसर्च के लिए जहाज का इस्तेमाल करेगा.
गार्डन रीच, वॉरशिप और रिसर्च वेसल जैसे एंडवास जहाजों के निर्माण में अपने पिछले अनुभव का उपयोग कोलकाता स्थित अपने शिपयार्ड में पोलर रिसर्च वेसल (पीआरवी) के निर्माण के लिए करेगा.
इस समझौते (एमओयू) पर 3 जून को नॉर्वे के ओस्लो में भारत के केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए.
इस समझौते के बारे में बात करते हुए मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह विज्ञान और सतत विकास के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि नए जहाज में एडवांस वैज्ञानिक उपकरण होंगे जो गहरे समुद्र में रिसर्च, समुद्री जीवन का अध्ययन करने और पृथ्वी के इतिहास, वर्तमान स्थितियों और भविष्य को समझने में मदद करेंगे.
शेयर परफॉरमेंस
स्टॉक ने बुधवार को ही अपने 52 हफ्तों के हाई लेवल को टच किया है, जो कि 3,465 रुपये है. इस साल ही अब तक स्टॉक 100 प्रतिशत से ज़्यादा चढ़ गया है. पिछले एक साल में यह 161 प्रतिशत तक चढ़ा है. पिछले 5 साल में स्टॉक ने निवेशकों को 2,063 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
Source: Economic Times