कंपनी को मिला ऑर्डर
तेलंगाना स्थित कंपनी अपोलो माइक्रो ने बताया की कि उसे डीआरडीओ और अन्य सरकारी डिफेंस कंपनियों की 25.1 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चुना गया है.
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज पर अपनी घोषणा में इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि कॉन्ट्रैक्ट में क्या शामिल है या इसे पूरा होने में कितना समय लगेगा.
4 अगस्त, 2025 को कंपनी ने बताया था की कि उसे 13.37 मिलियन डॉलर यानी लगभग 113.81 करोड़ रुपये का पहला इंटरनेशनल ऑर्डर मिला है.
कंपनी का क्वार्टर रिजल्ट
जून तिमाही में, कंपनी का रेवेन्यू 46% बढ़कर 133.5 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 91.2 करोड़ रुपये था. टैक्स के बाद इसका प्रॉफिट भी दोगुने से ज़्यादा बढ़कर 17.6 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 8.4 करोड़ रुपये था.
कंपनी ने कहा कि यह उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ पहला तिमाही प्रदर्शन है, जिसका मुख्य कारण यह है कि उसने अपने मौजूदा ऑर्डरों को कुशलतापूर्वक पूरा किया तथा कई हाई-वैल्यू सिस्टम को सुचारू रूप से प्रोडक्शन में लगाया.
कंपनी को उम्मीद है कि अगले दो सालों में उसका रेवेन्यू औसतन हर साल 45% से 50% की दर से बढ़ेगा. मैनेजमेंट के अनुसार, यह बढ़ोतरी उसके मुख्य बिजनेस से आएगी और इसमें हाल ही में आईडीएल एक्सप्लोसिव्स की खरीद से होने वाली कोई अतिरिक्त आय शामिल नहीं है.
मई में, कंपनी ने बताया था की उसने आईडीएल एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड का 100% हिस्सा 107 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. आईडीएल एक्सप्लोसिव्स, जो पहले जीओसीएल कॉर्प लिमिटेड का हिस्सा था, माइनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक बनाती और सप्लाई करती है. वित्तीय वर्ष 2024 में, आईडीएल एक्सप्लोसिव्स ने 623 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया.
FII भी बुलिश
कंपनी के स्टॉक में एफआईआई भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 0.93% से बढ़ाकर 7.16% कर दिया है.
शेयर परफॉरमेंस
पिछले एक साल में यह स्टॉक 125 प्रतिशत तक चढ़ा है. तो पिछले 5 साल में इसने निवेशकों को 1778 प्रतिशत का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है.
Source: Economic Times