वॉरेन बफे की खासियत रही कि उन्होंने कभी भी ट्रेंड फॉलो नहीं किया. 94 साल की उम्र में बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन ने म्यूचुअल फंड से दूरी बनाए रखी है और सीधे उन बिज़नेस में निवेश करना पसंद किया है जिन्हें वे समझते हैं. फिर भी कम लागत, लॉन्ग टर्म फोकस और लॉजिक पर आधारित उनकी इन्वेस्टमेंट थ्योरी तेजी से वोलेटाइल होते बाजारों में म्यूचुअल फंड निवेशकों को रूपरेखा देती है.
बफे की इन्वेस्टमेंट थ्योरी से म्यूचुअल फंड निवेशक ये सबक सीख सकते हैं.
लागत के आधार पर आगे के रास्ते देखने की कोशिश करें
साल 2016 में शेयरहोल्डर को लिखे लेटर बफे ने एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री का एक तीखा मूल्यांकन किया. उन्होंने कहा “जब खरबों डॉलर वॉल स्ट्रीट के मैनेजरों के पास होते हैं, जो भारी चार्जेस लेते हैं, तो वास्तविक लाभ आमतौर पर मैनेजर्स को मिलता है, निवेशकों को नहीं.”
कम लागत वाले इंडेक्स फंडों का उनका सपोर्ट , खास तौर पर उन लोगों के लिए जो बाजारों की पूरी तरह से जांच करने के लिए अनिच्छुक या असमर्थ हैं, लगातार रहा है. उन्होंने कहा है कि उनकी व्यक्तिगत संपत्ति का 90% हिस्सा S&P 500 इंडेक्स फंडों में लगाया जाएगा और केवल सबसे सस्ते फंड में निवेश किया जाए. भारत में निहितार्थ स्पष्ट हैं कि निफ्टी 50 या सेंसेक्स को ट्रैक करने वाले लार्ज-कैप इंडेक्स फंड सक्रिय रूप से मैनेज्ड स्कीम की कॉस्टिंग के एक शेयर पर व्यापक बाजार एक्सपोजर प्रदान करते हैं.
समय देखें, समय निर्धारण न करें
बफे का फेमस वाक्य है,”केवल वही खरीदें जिसे आप अगले 10 वर्षों तक बाजार बंद रहने पर भी रखने में खुश हों.” अक्सर उद्धृत की जाने वाली यह पंक्ति बफे के बाजार समय के प्रति तिरस्कार और अवधि की शक्ति में उनके विश्वास को दर्शाती है.
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सबक स्पष्ट है कि बार-बार पोर्टफोलियो में फेरबदल से बचें. मजबूत लॉन्ग टर्म प्रदर्शन वाली स्कीम्स का चयन करें और उन्हें परिणाम देने का मौका दें. बफे के अनुसार निकट अवधि के रिटर्न के लिए फंड बदलना आत्मघाती है. बफे कहते हैं, “अच्छे निवेश के लिए समय दें और समय आपका सबसे अच्छा दोस्त बन जाएगा.
निवेश के लिए बुद्धि से ज़्यादा स्वभाव की ज़रूरत
बफे लंबे समय से यह मानते आए हैं कि सफल निवेश के लिए बुद्धि से ज़्यादा स्वभाव की ज़रूरत होती है.उन्होंने 1996 में लिखा था, “निवेशकों को भीड़ के डर या उत्साह से खुद को अलग करने में सक्षम होना चाहिए और कुछ बुनियादी सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
शोर से दूर रहें
उन्होंने लिखा कि ‘बाजार पर बहुत बारीकी से नज़र रखना नुकसानदेह हो सकता है.” बफ़े ने अति-निगरानी के खतरों के बारे में चेतावनी दी. उन्होंने बताया कि कैसे शॉर्ट टर्म वोलिटिलिती घबराहट और आवेग को जन्म दे सकती है. “शेयर बाजार अधीरता से धैर्यवान लोगों को पैसे हस्तांतरित करने का एक साधन है.” उनका सुझाव है कि फंड निवेशकों को दैनिक एनएवी अपडेट को अनदेखा करना चाहिए, सुर्खियों पर प्रतिक्रिया करने से बचना चाहिए और प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए. एसआईपी तब सबसे अच्छा काम करते हैं जब उन्हें बिना किसी बाधा के छोड़ दिया जाता है.
Source: Economic Times