कंपनी का क्वार्टर रिजल्ट
कंपनी ने गुरुवार को बताया कि उसका कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट जून तिमाही में 11.7 प्रतिशत घटकर 3,185 करोड़ रुपये हो गया है. जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 3,606 करोड़ रुपये था.
कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू सालाना आधार पर 5.75% बढ़कर 37,824 करोड़ रुपये हो गया, जो स्थिर व्यावसायिक वृद्धि दर्शाता है. इसने पहली तिमाही में अपना अब तक का हाइयेस्ट EBITDA भी दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5% अधिक ₹10,746 करोड़ रहा. EBITDA मार्जिन 81 बेसिस प्वॉइंट्स की वृद्धि के साथ 35% हो गया. कंपनी का नेट डेब्ट उसके EBITDA का 1.3 गुना है, जो मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है. इसके अतिरिक्त, इसकी क्रेडिट रेटिंग को AA पर पुनः स्थापित किया गया है.
मैनेजमेंट ने क्या कहा?
कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि पहली तिमाही में उसके प्रदर्शन ने शेष वर्ष के लिए एक मज़बूत आधार तैयार किया है. वैश्विक बाज़ार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, उसने पहली तिमाही में अपना अब तक का हाइयेस्ट EBITDA हासिल किया. ऑपरेशन के मोर्चे पर, इसने प्रोडक्शन कोस्ट में उल्लेखनीय कमी की है – हॉट मेटल की कोस्ट (एल्यूमिना को छोड़कर) पिछले चार वर्षों में सबसे कम रही, और ज़िंक इंडिया की पहली तिमाही की प्रोडक्शन कोस्ट अब तक की सबसे कम रही. गैम्सबर्ग माइन में प्रोडक्शन पिछले वर्ष की तुलना में 74% बढ़ा, बिजली की बिक्री पिछली तिमाही की तुलना में 33% बढ़ी, और फेरो क्रोम की मात्रा तिमाही-दर-तिमाही 150% बढ़ी. कंपनी ने अपनी लांजीगढ़ रिफाइनरी का विस्तार भी 587,000 टन तक किया, जो उसकी विकास योजनाओं में अच्छी प्रगति दर्शाता है.
मोतीलाल ओसवाल ने क्या कहा?
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने वेदांता के स्टॉक पर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है. इसके लिए ब्रोकरेज ने अपने टारगेट प्राइस को 490 रुपये से कम कर 480 रुपये कर दिया है.
ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी का ऑपरेशन उम्मीद के मुताबिक रहा, जिसमें कम फाइनेंशियल कोस्ट और गैर-प्रमुख गतिविधियों से बढ़ी आय का योगदान रहा. ब्रोकरेज ने यह भी बताया कि विकास परियोजनाओं (पूंजीगत व्यय) पर कंपनी का खर्च योजना के अनुसार आगे बढ़ रहा है. चूँकि कंपनी अधिक नकदी पैदा कर रही है, इसलिए उसे विस्तार जारी रखने और अपने कर्ज को कम करने में मदद मिलेगी. ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2026 और 2027 के लिए अपने लाभ अनुमानों में कोई बदलाव नहीं किया है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
Source: Economic Times