मुकेश अंबानी का ₹20 वाला यह स्टॉक बना रॉकेट! 15% की तेजी, बांग्लादेश से है कनेक्शन

Penny Stock Under RS 30: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस ग्रुप के एक स्टॉक ने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। रिलायंस समूह के टैक्सटाइल स्टॉक आलोक इंडस्ट्रीज (Alok Industries) के शेयरों में आज हाई वैल्यूम के साथ तूफानी तेजी देखने को मिली है। आज कारोबार में आलोक इंडस्ट्रीज के शेयर 15 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल दर्ज किए हैं। इसकी की कीमत 25 रुपये से कम है।

इस वजह से आई तेजी

सोमवार को आलोक इंडस्ट्रीज के शेयर 15.30 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी के साथ 23.20 रुपये के लेवल पर पहुंच गए। पिछले सात महीनों का यह हाई लेवल है। शेयरों में यह उछाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बांग्लादेश पर नया टैरिफ लगाने के बाद आया है। अमेरिका ने बांग्लादेश पर 36 प्रतिशत का नया टैरिफ लगाया है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। अमेरिका के इस कदम को भारत के टैक्सटाइल सेक्टर के लिए एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि बांग्लादेश पर भारी शुल्क से भारत के टैक्सटाइल एक्सपोर्ट को बढ़ाव मिल सकता है।

टैक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग पर निर्भर है बांग्लादेश की इकोनॉमी

बता दें कि बांग्लादेश की इकोनॉमी टैक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग पर अत्यधिक निर्भर है। ऐसे में ट्रंप का यह ऐलान उसकी टेंशन बढ़ा दिया है। इससे पहले, अप्रैल में ट्रंप ने 36 प्रतिशत कम टैरिफ की घोषणा की थी। जानकारों का कहना है कि 36 प्रतिशत टैरिफ की वजह से अमेरिकी खरीददार भारत का रुख कर सकते हैं।

कभी भी हो सकता है भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का ऐलान

वहीं, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर लंबे समय से चल रही बातचीत अपने अंतिम चरण में है। दोनों देशों के बीच किसी भी वक्त समझौते का ऐलान हो सकता है। अमेरिका-भारत व्यापार समझौते का फायदा टेक्सटाइल सहित कुछ संवेदनशील सेक्टर को मिलने की उम्मीद है।

इससे पहले UK के साथ हुई थी डील

इससे पहले, मई महीने में भारत ने UK के साथ एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन किया था। इसका मकसद द्विपक्षीय व्यापार को उदार बाजार पहुंच और व्यापार से जुड़े प्रतिबंधों में ढील के जरिए साल 2040 तक 34 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। UK के साथ इस डील से भारत के टैक्सटाइल सेक्टर को फायदा होगा।

डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। निवेशकों को कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

Source: Mint