महंगे फ्यूल का असर या… इलेक्ट्रिक कारें बनीं लोगों की पहली पसंद, जून 2025 में हुई जबरदस्त सेल

देश की सड़कों पर अब पहले से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें दौड़ती नजर आ रही हैं। पेट्रोल-डीजल की महंगाई, ग्रीन एनर्जी की बढ़ती समझ और सरकार की ईवी नीतियों का असर अब दिखने लगा है। श्रीराम फाइनेंस के मोबिलिटी बुलेटिन में जारी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।

जहां पिछले साल जून 2024 में सिर्फ 717 ई-कारें बिकी थीं, वहीं इस साल जून में ये आंकड़ा सीधे 9,804 यूनिट्स तक पहुंच गया है। यानी एक साल में करीब 13 गुना की ग्रोथ। यही नहीं, मई 2025 की तुलना में भी हल्की लेकिन स्थिर 1% की वृद्धि दर्ज की गई है, क्योंकि मई में 9,693 यूनिट्स बिकी थीं। इससे साफ है कि ई-कार का ट्रेंड केवल फ्लैश नहीं बल्कि लगातार बढ़ता रुख है।

ट्रक किराया भी हुआ महंगा

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जून 2025 में ट्रक भाड़े में अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खासकर 18 टन पे-लोड वाले ट्रकों के रिटर्न फेयर में भारी इजाफा देखने को मिला। चाहे दिल्ली-मुंबई का रूट हो या दिल्ली-हैदराबाद, लगभग हर बड़े कॉरिडोर पर ट्रक किराया मजबूत रहा। सालाना आधार पर ट्रक भाड़ा 5% बढ़ा है जबकि मई के मुकाबले यह 1.3% ऊपर गया है।

श्रीराम फाइनेंस ने क्या कहा?

श्रीराम फाइनेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर वाई.एस. चक्रवर्ती ने कहा, “जून 2025 के आंकड़े साफ दिखाते हैं कि अब आर्थिक गतिविधियां वापस पटरी पर लौट रही हैं। ट्रक भाड़े में जो मजबूती आई है, वो इस बात का संकेत है कि मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन फिर से सक्रिय हो रहे हैं।”

उन्होंने यह भी जोड़ा, “हालांकि फ्यूल कंजंप्शन और फास्टैग कलेक्शन में मामूली गिरावट देखी गई है, लेकिन सालाना आंकड़े अब भी मजबूत हैं, जो लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और ट्रांसपोर्ट सिस्टम की स्थिरता को दर्शाते हैं।”

नौकरी के मौके बढ़े, लॉजिस्टिक्स को फायदा

रिपोर्ट में बताया गया है कि निजी सेक्टर में भर्तियां बढ़ने से ट्रांसपोर्ट डिमांड में इजाफा हुआ है। इससे ट्रक ऑपरेटर्स को किराया बढ़ाने का मौका मिला है और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में थोड़ी राहत नजर आई है।

Source: Mint