भारत में स्टार्टअप को मिलेगा HSBC का बड़ा तोहफा? आ रहा है वेंचर डेट फंड

यूरोप का संपत्ति के लिहाज से सबसे बड़ा बैंक हांगकांग और शंघाई बैंकिंग कॉर्प (HSBC, Hong Kong and Shanghai Banking Corp) भारत में एक वेंचर डेट फंड लॉन्च करने की योजना बना रहा है। अगर नियामक अनुमति देता है और योजना अमल में आती है, तो HSBC भारत में ऐसा फंड लाने वाला पहला वाणिज्यिक बैंक बन जाएगा। इस फंड का मकसद भारत के स्टार्टअप्स को बिना इक्विटी बेचे फंडिंग उपलब्ध कराना होगा।

बैंक के करीबी सूत्रों के मुताबिक, फंड का आकार, समय-सीमा और संरचना अभी तय नहीं हुई है, लेकिन अगले 6 महीनों में इसे शुरू करने की उम्मीद जताई जा रही है। HSBC फिलहाल भारत में स्टार्टअप्स को वर्किंग कैपिटल के लिए फाइनेंसिंग उपलब्ध करा रहा है और इस नई योजना को उसी का विस्तार माना जा रहा है।

स्टार्टअप्स को इक्विटी डाइल्यूशन से राहत

वेंचर डेट फंड स्टार्टअप्स को बिना इक्विटी डायल्यूट किए शुरुआती स्टेज में सस्ते रेट पर कर्ज लेने का विकल्प देता है। HSBC पहले से ही वेंचर लेंडिंग कर रहा है, हालांकि उनके पास अब तक कोई विशिष्ट डेट फंड नहीं था।
एक वरिष्ठ इंडस्ट्री अधिकारी के अनुसार, “HSBC पिछले कुछ समय से कुछ नया करने की कोशिश कर रहा था।” बैंक ने पिछले साल सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के पूर्व कार्यकारी पीट स्कॉट को नियुक्त कर इस क्षेत्र में कदम रखा था।

SVB अधिग्रहण के बाद HSBC की तेजी

मार्च 2023 में अमेरिका में SVB के धराशायी होने के बाद HSBC ने महज 1 पाउंड की टोकन राशि में SVB की यूके यूनिट खरीद ली थी। यह अमेरिका के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी बैंक विफलता थी, जिसके कुल एसेट्स $209 बिलियन थे। इस अधिग्रहण के बाद HSBC ने टेक स्टार्टअप्स की ओर अपना फोकस बढ़ाया।

भारत में 600 मिलियन डॉलर की फंडिंग पहले ही

HSBC पिछले तीन वर्षों से भारत में स्टार्टअप के लिए विशेष बैंकिंग प्रोडक्ट्स और वर्किंग कैपिटल सुविधाएं मुहैया करा रहा है, जिनके तहत अब तक $600 मिलियन की फंडिंग की जा चुकी है।
अब बैंक वेंचर डेट फंड के जरिए इस पहल को और आगे बढ़ाना चाहता है, जिससे शुरुआती स्टेज के स्टार्टअप्स को बड़ा फायदा हो सकता है। हालांकि HSBC की ओर से इस योजना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)

Source: Economic Times