पेटीएम के शेयर प्राइस पिछले कुछ माह से बहुत वोलेटाइल रहे हैं. इस फन टेक कंपनी में रेगुलेशन को लेकर कुछ इश्यू भी रहे हैं, जिसके कारण स्टॉक को पिछले कुछ समय से गिरावट का सामना करना पड़ा. नेगेटिव खबरों और आरबीआई के एक्शन के कारण फरवरी 2024 तक यह स्टॉक 332 रुपए के निचले लेवल पर पहुंच गया. इस दौरान स्टॉक में से कई बड़े निवेशक बाहर हो गए और इनमें से एक नाम दुनिया के ख्यात निवेशक वॉरेन बफे का भी था.
वॉरेन बफे का पेटीएम बेचने का फैसला सही?
वॉरेन बफे ने पेटीएम में तभी लॉस बुक कर लिया जब इसका भाव 840 रुपए से 840 रुपए के बीच था. दिसंबर 2023 में बफे की कंपनी बार्कले हैथवे ने पेटीएम में 500 करोड़ रुपए से अधिक का लॉस बुक किया.
बफे के इस स्टॉक से एक्जिट लेने के बाद इसमें हैवी सेल ऑफ आया और केवल 2 माह बाद ही यह 320 रुपए के निचले लेवल पर आ गया. यहां वॉरेन बफे का पेटीएम से बाहर होने का फैसला सही साबित हुआ. समाचार रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने पेटीएम में 2,179 करोड़ रुपये का निवेश किया था और जब एक्ज़िट लिया तो उन्होंने स्टॉक सेलिंग से 1,672 करोड़ रुपये प्राप्त किए. याने 507 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. अगर वे स्टॉक नहीं बेचते तो घाटा और बढ़ जाता, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. स्टॉक बफे की उम्मीदों के विपरित एक बार फिर 1000 रुपए का लेवल पार कर चुका है.
लगातार सुधरे हालात
अगस्त 2024 से पेटीएम के शेयर कुछ चाल पकड़ने लगे. कंपनी में हालात सुधरने लगे और रेगुलेशन लेवल पर भी सुधार हुआ. इस बीच लगातार एफआईआई और डीआईआई ने एक बार फिर से स्टॉक खरीदना शुरू किया और स्टॉक में मंथली चार्ट पर हायर हाई, हायर लो बनने लगा.
30 जून 2025 तक पेटीएम में विदेशी संस्थागत निवेशकों याने एफआईआई) की 54.9% हिस्सेदारी थी. म्यूचुअल फंडों की 13.9%, आम जनता की 29.3% और शेष 2% हिस्सेदारी अन्य निवेशकों के पास थी.
इस साल अब तक पेटीएम के शेयरों में वापसी हुई है और डीप रेड से वे 2% की बढ़ोतरी में आए हैं. पिछले 12 महीनों में इस स्टॉक ने 120% की प्रभावशाली बढ़त दर्ज की है. इसका मौजूदा बाज़ार पूंजीकरण 64,193 करोड़ रुपये है.
Source: Economic Times