Bank of Baroda Ltd के शेयर पिछले कई दिनों से 257 रुपए के रजिस्टेंस लेवल पर सेलिंग प्रेशर ले रहे हैं. हालांकि मार्च 2025 से 195 रुपए के लेवल से हायर हाई, हायर लो बनाते हुए स्टॉक ने रैली की थी, लेकिन उसके बाद से 250 रुपए से 257 रुपए की रेंज के बीच की सेलिंग ज़ोन बन चुका है. जब भी प्राइस यहां आता है, वह डिक्लाइन होता है. आगे की राह के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा को इस सेलिंग ज़ोन के ऊपर अच्छे वॉल्यूम के साथ जाना होगा. निचले लेवल पर 225से 235 रुपए के ज़ोन पर नेक लाइन है,जो स्टॉक में बाइंग ज़ोन है.
बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) एसबीआई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा पीएसयू बैंक है. बीओबी ने शुक्रवार को अपने वित्तीय परिणाम में बताया कि पहली तिमाही में उसका स्टैंड अलोन प्रॉफिट 2% बढ़कर 4,541 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 4,458 करोड़ रुपये था. कंपनी की शुद्ध ब्याज आय (NII) 11,435 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में दर्ज 11,600 करोड़ रुपये से 1.4% कम है.
डिपॉज़िट में बढ़ोतरी
बैंक ऑफ बड़ौदा की घरेलू जमा राशि 12.04 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो एक साल पहले की समान अवधि के 11.14 लाख करोड़ रुपये से 8% अधिक है. इंटेरनेशनल डिपॉज़िट अमाउंट वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के 2.01 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 2.31 लाख 2.31 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह कुल 15% की ग्रोथ है. कुल जमा राशि 14.35 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9% अधिक है.
एडवांस
रिटेल एडवांस वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के 2.22 लाख करोड़ रुपये से 17% बढ़कर वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 2.61 लाख करोड़ रुपये हो गए. डोमेस्टिक ग्रोस एडवांस एक साल पहले की समान तिमाही के 8.81 लाख करोड़ रुपये से 12% बढ़कर 9.91 लाख करोड़ रुपये हो गया. समीक्षाधीन तिमाही में कुल एडवांस पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 14% बढ़कर 2.15 लाख करोड़ रुपये हो गया.
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में ग्रोस नेशनल प्रोडक्ट(जीएनपीए) अनुपात 2.28% रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 2.88% से 60 आधार अंक कम है. वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एनएनपीए अनुपात 0.60 रहा, जो वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 9 आधार अंक कम है.
इस पीएसयू बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 8,236 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के 7,161 करोड़ रुपये से 15% अधिक है.
Source: Economic Times