बीएसई ने 12 शेयरों के खिलाफ लिया एक्शन- भाव पर असर

BSE ने 15 कंपनियों के शेयरों पर निगरानी एक्शन लेते हुए उनके प्राइस बैंड घटाए हैं. इससे ट्रेडिंग पर असर पड़ेगा. शेयर बाजार में कीमतों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ को रोकने के लिए BSE ने एक खास निगरानी तंत्र बना रखा है. इसका काम ये देखना है कि कोई भी ट्रेडर या कंपनी शेयर की कीमतों को गलत तरीके से ऊपर-नीचे न कर पाए. इसके लिए BSE अलग-अलग कदम उठाता है – जैसे सर्किट कम करना, ट्रेड-टू-ट्रेड में शिफ्ट करना, या मार्जिन बढ़ाना. आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं. BSE का Surveillance Cell हर दिन ट्रेडिंग डेटा, कंपनी के नतीजे और मार्केट न्यूज को देखकर अलर्ट बनाता है. जब कोई शेयर संदिग्ध तरीके से बहुत तेजी या गिरावट दिखाता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है.

BSE क्या-क्या कार्रवाई करता है-Special Margin (स्पेशल मार्जिन)-अगर कोई शेयर बहुत तेज़ी या गिरावट दिखा रहा हो, तो उस पर 25%, 50% या 75% तक का एक्स्ट्रा मार्जिन लगाया जाता है ताकि सट्टा कम हो.
Circuit Filter कम करना-जिन शेयरों में ज़्यादा उतार-चढ़ाव होता है, उनमें प्राइस मूवमेंट की लिमिट 20% से घटाकर 10%, 5% या 2% तक कर दी जाती है.18 जुलाई 2025 से जिन शेयरों पर सर्किट बदला गया है:-Adcounty Media – बढ़ाकर 20%,Avance Tech, Fynx Capital, Panther Industrial जैसे कई शेयरों का सर्किट घटाकर 2% कर दिया गया.

पूरी लिस्ट यहां दी गई हैं

कंपनी का नाम पुराना प्राइस बैंड नया प्राइस बैंड
Adcounty Media India Ltd 5% 20% (बढ़ा)
Avance Technologies Ltd 5% 2%
Bihar Sponge Iron Ltd 20% 5%
City Online Services Ltd 5% 2%
Dhanlaxmi Cotex Ltd 5% 2%
Diksha Greens Ltd 10% 5%
Fynx Capital Ltd 5% 2%
Kalpa Commercial Ltd 10% 5%
Kridhan Infra Ltd 5% 2%
Neetu Yoshi Ltd 5% 20% (बढ़ा)
Panther Industrial Products Ltd 5% 2%
Salem Erode Investments Ltd 20% 10%
Sampann Utpadan India Ltd 10% 5%
SBEC Systems India Ltd 5% 2%
Southern Latex Ltd 5% 2%

Trade-to-Trade Settlement (T2T)-जिन शेयरों में ज्यादा उथल-पुथल हो, उन्हें T2T सेगमेंट में भेजा जाता है. इसमें शेयर की खरीद-बिक्री पर उसी दिन डिलीवरी देनी होती है. यानी इंट्रा-डे ट्रेडिंग मुमकिन नहीं होती.
इसका मतलब निवेशकों के लिए क्या है?

प्राइस बैंड घटने से शेयर में एक दिन में होने वाला उतार-चढ़ाव सीमित हो जाएगा.अब इनमें इंट्राडे ट्रेडिंग मुमकिन नहीं, यानी खरीदकर उसी दिन बेच नहीं सकते.इन शेयरों में अब हर सौदा ट्रेड-टू-ट्रेड आधार पर होगा, मतलब डिलीवरी जरूरी है.BSE ने यह फैसला असामान्य प्राइस मूवमेंट और कम ट्रेडिंग वॉल्यूम जैसे कारणों पर लिया है.
क्या करें निवेशक?अगर आपके पास इनमें से कोई शेयर है, तो घबराएं नहीं लेकिन अगले कदम सोच-समझकर उठाएं.
नया निवेश करने से पहले रिसर्च जरूर करें. प्राइस बैंड की कमी से लिक्विडिटी घट सकती है.ट्रेडिंग करने वाले निवेशक इन शेयरों में फिलहाल ट्रेड से बचें क्योंकि एक दिन में एंट्री और एग्ज़िट संभव नहीं.
जानिए Surveillance का मकसद क्या है?
BSE का Surveillance सेल ऐसे स्टॉक्स की पहचान करता है जिनमें
अचानक प्राइस या वॉल्यूम बढ़ा हो
अफवाहों के आधार पर शेयर भागे हों
कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स हों
इन पर नजर रखकर सर्किट फिल्टर घटाना, स्पेशल मार्जिन लगाना, और ट्रेड-टू-ट्रेड सेटलमेंट जैसे कदम उठाए जाते हैं ताकि बाजार में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकी जा सके.
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Source: CNBC