बड़ा प्रॉफिट पोस्ट करने की तैयारी में Paytm, शेयर प्राइस लगातार 8 दिनों से तेज़ी में हैं, स्टॉक के दिन बदलेंगे

पेटीएम को संचालित करने वाली कंपनी One 97 Communications Ltd मंगलवार को वित्तवर्ष 2026 की पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करेगी. तिमाही नतीजे सकारात्मक आने की उम्मीद है और इसी आस में पेटीएम के शेयर प्राइस पिछले 8 दिनों से तेज़ई में हैं. वन 97 कम्यूनिकेशंस के शेयर सोमवार को 2% की तेज़ी के साथ 1,020.50 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 64.96 हज़ार करोड़ रुपए है. पिछले कुछ समय से पेटीएम के शेयर प्राइस गिरावट में चल रहे थे, लेकिन अब कंपनी अच्छा प्रॉफिट पोस्ट कर सकती है, जिसके संकेत पाकर शेयर प्राइस पिछले एक माह में 15% बढ़ चुके हैं.

कंपनी ने धीरे धीरे अपनी बाधाओं को दूर किया है और यह सुधार उसके बढ़े हुए शेयर प्राइस में दिखता है. तिमाही में प्रॉफीबिलिटी बढ़ी तो कंपनी के दिन बदल सकते हैं.
फिन टेक कंपनी पेटीएम के वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में अच्छे प्रॉफिट की उम्मीद है. माना जा रहा है कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में शुद्ध घाटा 18.9 करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार टैक्स के बाद प्रॉफिट (पीएटी) होगा. ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के अनुसार भुगतान और फाइनेंस सर्विस सेक्टर में मजबूत प्रदर्शन के कारण परिचालन राजस्व में साल-दर-साल 27% की वृद्धि देखी जा रही है.
यस सिक्योरिटीज़ को मार्च तिमाही में दर्ज 70 करोड़ रुपये के यूपीआई प्रोत्साहन को एडजस्ट करते हुए लगभग 2% की कुल रेवेन्यू ग्रोथ की उम्मीद है. भुगतान सेवाओं के राजस्व में तिमाही-दर-तिमाही 5% की वृद्धि का अनुमान है, जबकि वित्तीय सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में तिमाही-दर-तिमाही 10% की वृद्धि हो सकती है, जिसे ऋण वितरण में संभावित सुधार से मदद मिलेगी. भले ही कम टेक रेट और फर्स्ट लॉस डिफॉल्ट गारंटी (एफएलडीजी) में कमी से राजस्व वृद्धि पर असर पड़ रहा हो.
पेमेंट रेवेन्यू के प्रतिशत के रूप में पेमेंट प्रोसेसिंग फीस (पीपीसी) पर नज़र रखना एक प्रमुख स्टैंडर्ड होगा. यस सिक्योरिटीज़ का अनुमान है कि यह पहली तिमाही में बढ़कर 55% हो जाएगा, जो वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के 49.8% से ज़्यादा है और इसका मुख्य कारण यूपीआई प्रोत्साहन लाभ का अभाव है, जिसने पिछली तिमाही में मार्जिन को सहारा दिया था.
यस सिक्योरिटीज़ का अनुमान है कि कुल व्यय (पीपीसी और ईएसओपी लागत को छोड़कर) तिमाही-दर-तिमाही 5% बढ़ेगा, जबकि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में यह 1% था.

जेएम फाइनेंशियल का मानना है कि पेटीएम बेहतर योगदान मार्जिन और अप्रत्यक्ष व्यय नियंत्रण के दम पर पीएटी-लेवल का लाभ दर्ज करने की राह पर है. गौरतलब है कि ईएसओपी रद्दीकरण पर बढ़े शुल्क के कारण कंपनी को वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में असाधारण घाटा हुआ था. जैसे-जैसे कंपनी नियामकीय नियंत्रण के बाद के एक महत्वपूर्ण बदलाव के फेस में एंट्री कर रही है.

Source: Economic Times