फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में छोटे ट्रेडर्स का लगातार लॉस हो रहा, सेबी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट टेन्योर बढ़ा सकता है

शेयर मार्केट को रेगुलेट करने की ज़िम्मेदारी सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया याने सेबी की है और वह समय समय पर छोटे निवेशकों और ट्रेडर्स के हित में कदम उठाता है. फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में छोटे ट्रेडर्स के बढ़ते लॉस के मद्देनज़र सेबी ने कई कदम उठाए हैं, जैसे लॉट साइज़ में बदलाव, एक्सचेंज पर एक वीकली एक्सपायरी जो छोटे ट्रेडर्स को लॉस से बचाने के दिशा में हैं. बाजार नियामक सेबी के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि भारत फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में डिरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट का टेन्योर और मैच्योरिटी पीयरेड बढ़ाकर डेरिवेटिव मार्केट की क्वालिटी में सुधार करना चाहता है.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने कहा, “हमें अपने कैश इक्विटी मार्केट को और गहरा करने के और तरीके तलाशने होंगे. साथ ही हम उपलब्ध प्रोडक्ट और सॉल्यूशन का टेन्योर और मैच्योरिटी बढ़ाकर अपने डेरिवेटिव मार्केट की गुणवत्ता में सुधार करना चाहते हैं. ” नारायण ने इन कॉन्ट्रैक्ट की अवधि के संभावित विस्तार के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी.
डेरिवेटिव ट्रेडिंग में उछाल के लिए लगातार बढ़ते रिटेल इन्वेस्टर्स भी ज़िम्मेदार हैं. सेबी को कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी की संख्या सीमित करने और ऐसे ट्रेड को और अधिक महंगा बनाने के लिए लॉट साइज़ बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है.
इस महीने की शुरुआत में सेबी ने अमेरिकी सिक्योरिटी ट्रेड कंपनी जेन स्ट्रीट को अगले आदेश तक स्थानीय बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था और इसकी 567 मिलियन डॉलर की धनराशि जब्त कर ली थी और कहा था कि जांच में पाया गया कि इसने डेरिवेटिव्स में पोजीशन लेकर स्टॉक इंडेक्स में हेरफेर किया.
नारायण ने कहा, “हमारे इक्विटी डेरिवेटिव्स वॉल्यूम में शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट का बोलबाला है.” उन्होंने कहा कि ये कॉन्ट्रैक्ट पूंजी निर्माण में बाधा डालते हैं. सेबी के शोध से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 में 91% इन्डिविजुअल ट्रेडर को फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेड करते हुए नेट लॉस हुआ है.

कैश मार्केट और डेरिवेटिव्स के बीच असंतुलन पर प्रकाश डालते हुए नारायण ने कहा कि एक्सपायरी डे में इंडेक्स ऑप्शंस में तुलनीय कारोबार कैश मार्केट से 350 गुना से भी अधिक हो सकता है. उल्लेखनीय है कि सेबी फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में छोटे ट्रेडर्स के नुकसान से चिंतित है और इसे रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है.

Source: Economic Times