पिछले साल टोरेंट फार्मा JB फार्मा के अधिग्रहण के लिए बातचीत कर रही थी लेकिन वैल्यूएशन को लेकर मतभेद के कारण डील रद्द हो गई थी. KKR ने जुलाई 2020 में JB फार्मा में 54 फीसदी हिस्सेदारी को लगभग 3,100 करोड़ रुपये में खरीदा था, जो 745 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से था. मार्च 2025 में KKR ने ब्लॉक डील के जरिये अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर इसे घटाकर 47.84 फीसदी कर दिया था.
टोरेंट ने क्या कहा
टोरेंट के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन समीर मेहता ने कहा “हमें JB फार्मा की विरासत को अपने साथ जोड़कर बेहद खुशी हो रही है. टोरेंट की भारत में गहरी मौजूदगी और JB फार्मा का तेज़ी से बढ़ता हुआ घरेलू बिजनेस, CDMO और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति के साथ मिलकर रेवेन्यू और प्रॉफिटेबिलिटी को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं. यह स्ट्रैटेजिक अलाइनमेंट भारतीय फार्मा बाजार में हमारी पकड़ को मजबूत करने और डाइवर्सिफाइड ग्लोबल उपस्थिति बनाने के हमारे लक्ष्य को और आगे ले जाएगा.”
KKR इंडिया के CEO गौरव त्रेहन ने कहा “JB फार्मा का हमारे नेतृत्व में परिवर्तन, KKR की हाई क्वालिटी वाली कंपनियों को स्केल करने की क्षमता का प्रमाण है. हम JB फार्मा की टीम के साथ साझेदारी पर गर्व महसूस करते हैं.” पहले चरण में टोरेंट, JB फार्मा में 46.39 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेगा. यह डील 11,917 करोड़ रुपये में 1,600 रुपये प्रति शेयर की दर से शेयर खरीद समझौते (Share Purchase Agreement) के माध्यम से किया जाएगा. दूसरे चरण में दोनों कंपनियों का विलय किया जाएगा.
शुक्रवार को टोरेंट फार्मा का शेयर 4.63 फीसदी की तेजी के साथ 3,375.00 रुपये पर बंद हुआ.
कंपनी के अधिग्रहण
कंपनी ने साल 2013 में एल्डर फार्मा के भारतीय ब्रांडेड बिजनेस का अधिग्रहण किया. इसके बाद 2015 में Zyg Pharma के डर्मास्यूटिकल बिजनेस को खरीदा. 2016 में टोरेंट ने ग्लोकैम इंडस्ट्रीज का एपीआई प्लांट अधिग्रहीत किया. फिर 2017 में Novartis से महिलाओं के हेल्थकेयर ब्रांड्स के साथ-साथ युनिकेम का भारतीय ब्रांडेड बिजनेस और उसका सिक्किम प्लांट भी अपने अधीन किया. टोरेंट का सबसे बड़ा अधिग्रहण 2022 में हुआ, जब उसने Curatio Healthcare को करीब ₹2,000 करोड़ में खरीदा.
Source: CNBC