क्या है आरोप
दरअसल आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के पास Asian Paints Ltd कंपनी की शिकायत दर्ज करवाई है। ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने आरोप लगाया है कि एशियन पेंट्स कंपनी पेंट बाजार में अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल कर रही है इसके अलावा पेंट बाजार में आने वाली नई कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी कर रही हैं। इन आरोप के लगने के बाद CCI के डायरेक्टर जनरल ने इन सभी आरोपी की निष्पक्ष जांच के लिए आदेश दे दिए हैं साथ ही 90 दिनों में रिपोर्ट की भी मांग की है।
ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने आरोप लगाया है कि एशियन पेंट्स कंपनी बाजार में मौजूद पेंट डीलर्स को डिस्काउंट और फॉरेन ट्रिप की लालच देकर के एक्सक्लूसिविटी को बढ़ावा देने की मांग कर रहे है। आरोप यह भी है कि जो डीलर्स ग्रासिम इंडस्ट्रीज की बिरला ओपस पेंट ब्रांड को सेल कर रहे हैं उन डीलर्स के एशियन पेंट्स के सेल्स टारगेट को बढ़ा दिया गया है जिस वजह से वह डीलर्स इन टारगेट्स को पूरा करने के चक्कर में उनके ब्रांड को अधिक बेच रहे हैं। जिस वजह से दूसरे ब्रांड प्रभावित हो रहे हैं।
एशियन पेंट्स ने क्या कहा
इस पूरे मामले पर एशियन पेंट्स कंपनी की भी टिप्पणी आई है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सीसीआई के जांच के आदेश की वह कानूनी समीक्षा कर रहे हैं जिसके लिए आगे हम जरूरी कानूनी रास्ते को अपनाएंगे कंपनी ने यह भी कहा है कि उनकी कंपनी सीसीआई की जांच में पूरी तरह से सहयोग करेंगी।
एशियन पेंट्स का दबदबा!
एशियन पेंट्स कंपनी को भारत के पेंट बाजार की सबसे बड़ी कंपनी कहा जाता है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भारत का पेंट मार्केट 90000 करोड़ रुपए का माना जाता है जिसमें से करीब 53 फ़ीसदी मार्केट एशियन पेंट्स कंपनी के पास मौजूद है। एशियन पेंट्स कंपनी के पास 74000 से ज्यादा डीलर्स मौजूद हैं। पूरे देश में एशियन पेंट्स की टच प्वाइंट नेटवर्क से 1.6 लाख से ज्यादा है।
ग्रासिम इंडस्ट्रीज की मौजूदा हालात
वहीं दूसरी तरफ ग्रासिम इंडस्ट्रीज Birla Opus ब्रांड के तहत पेंट इंडस्ट्री बाजार में व्यवसाय करती है कंपनी ने हाल में ही पेट इंडस्ट्री में कदम रखा है जिसके चलते कंपनी ने एडवर्टाइजमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क विस्तार के लिए भारी खर्च किया है। आंकड़ों की माने तो मार्च 2025 तक भारत के पेंट बाजार में बिरला ओपस कंपनी का बाजार हिस्सेदारी 7% तक पहुंच गया है।
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
Source: Economic Times