Air India के साथ समझौता
कंपनी ने एयर इंडिया के साथ सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल की सप्लाई के लिए समझौते पर साइन किए हैं. यह समझौता भारत के लिए एविएशन को और अधिक इको-फ्रैंडली बनाने और देश के ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ते कदम के तहत स्वच्छ, टिकाऊ ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
इंडियन ऑयल और एयर इंडिया ने एविएशन सेक्टर में कम कार्बन वाले ईंधन के इस्तेमाल पर मिलकर काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. उनका मकसद वैश्विक प्रदूषण को कम करने, क्लीन एनर्जी टारगेट को बढ़ावा देने और हवाई यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने में मदद करना है.
इस समझौता ज्ञापन के साथ, इंडियनऑयल और एयर इंडिया यह दिखा रहे हैं कि भारत एविएशन को और अधिक इको-फ्रैंडली बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है. क्लीन एनर्जी की ओर बदलाव को बढ़ावा देने के लिए, वे नियमित उड़ानों में प्रमाणित ग्रीन फ्यूल का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं.
ब्रोकरेज ने दी खरीदने की सलाह
ब्रोकरेज फर्म एलारा कैपिटल ने कंपनी के स्टॉक को खरीदने की सलाह को दोबारा दोहराया है. इसके लिए ब्रोकरेज ने अपने टारगेट प्राइस को 10 प्रतिशत से घटाकर 193 रुपये कर दिया है.
ब्रोकरेज फर्म ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) के बारे में पॉजिटिव है. उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 में कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहेंगी. उसका यह भी मानना है कि ओएमसी बेहतर लॉन्गटर्म प्रॉफिट कमाएंगी (पिछले पाँच वर्षों के औसत ₹2,900 प्रति टन की तुलना में लगभग ₹3,500 प्रति टन). ऐसा इसलिए है क्योंकि कच्चे तेल के सस्ते होने की उम्मीद है और सरकार वित्त वर्ष 26 में एलपीजी के नुकसान की भरपाई के लिए 30,000 करोड़ रुपये दे रही है.
ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) को क्लीन एनर्जी में अपने निवेश को फंड करने के लिए संभवतः अधिक लाभ अर्जित करने की अनुमति दी जाएगी. हालाँकि, एलारा ने वित्त वर्ष 26, वित्त वर्ष 27 और वित्त वर्ष 28 के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के अपने लाभ पूर्वानुमानों में क्रमशः 7%, 8% और 4% की कटौती की है. यह कटौती कमज़ोर रुपये और डीज़ल बिक्री से कम लाभ के कारण की गई है, जैसा कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के परिणामों में देखा गया है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
Source: Economic Times