डॉलर में कमजोरी के बावजूद रुपये में क्यों नहीं आ रही मजबूती?

डॉलर इंडेक्स जुलाई में करीब 1 फीसदी गिरा है। इससे 2025 में डॉलर इंडेक्स में आई गिरावट 10 फीसदी तक पहुंच गई है। डॉलर में लगातार कमजोरी का मतलब है कि दूसरी खासकर एशियाई देशों की करेंसी में मजबूती आई है। लेकिन, रुपये को इसका फायदा नहीं मिला है। जुलाई में रुपया आधा फीसदी कमजोर हुआ है। इस साल जनवरी से ही रुपये पर दबाव बना हुआ है। डॉलर में आई कमजोरी का फायदा रुपये को नहीं मिला है। इसकी वजह क्या हो सकती है?

मई से डॉलर खरीद रहा आरबीआई

RBI ने मई में फॉरेन एक्सचेंज मार्केट से 1.7 अरब डॉलर खरीदे थे। करेंसी डीलर्स का मानना है कि मई के बाद भी आरबीआई की डॉलर की खरीदारी जारी रही है। सवाल है कि आरबीआई डॉलर क्यों खरीद रहा है, खासकर तब जबकि पिछले कुछ महीनों में मार्केट में विदेशी निवेशको की बिकवाली हुई है। ऐसे आरबीआई को तो डॉलर बेचना चाहिए। इसका जवाब यह है कि आरबीआई ने फॉरवर्ड बाजार में डॉलर में काफी शॉर्ट पोजीशन ली थी।

आरबीआई ने डॉलर में ली है शॉर्ट पोजीशन

आरबीआई ने डॉलर में 88 अरब डॉलर की शॉर्ट पोजीशन ली थी। वह फ्यूचर्स डेट्स पर ये डॉलर बेचने वाला है। जब ये कॉन्ट्रैक्ट्स डिलीवरी के लिए आएंगे तो आरबीआई को बैंकिंग सिस्टम्स में डॉलर देने होंगे और रुपये लेने होंगे। फरवरी से आरबीआई ने अपनी फॉरवर्ड बुक 23 अरब डॉलर तक कम की है। इससे इसके विदेशी मुद्रा भंडार के घटने की उम्मीद है। रिजर्व में तेज गिरावट से बचने के लिए आरबीआई मार्केट से डॉलर खरीद रहा है।

इंडिया से काफी डॉलर निकला है

IDFC First Bank के एनालिस्ट्स ने कहा कि केंद्रीय बैंक को डॉलर की खरीदाी जारी रखनी होगी। एनालिस्ट्स ने एक रिपोर्ट में कहा है कि लो BoP सरप्लस और लार्ज निगेटिव फॉरवर्ड बुक से आरबीआई को मौका आने पर कैपिटल इनफ्लो को ऑब्जर्ब करने में मदद मिलेगी। इस साल डॉलर इनफ्लो काफी कम रहा है। घरेलू स्टॉक मार्केट्स में गिरावट से काफी डॉलर निकला है। हालंकि, बॉन्ड बाजार में निवेश आ रहा है, लेकिन उसकी मात्रा कम है।

आरबीआई को फॉरेक्स मार्केट में हस्तक्षेप बनाए रखना होगा

कैपिटल इनफ्लो को आरबीआई के ऑब्जर्ब कर लेने के आसार हैं। इससे रुपये को मिलने वाला फायदा सीमित हो जाएगा। घरेलू बाजार में लिक्विडिटी बनाए रखने और फॉरेक्स रिजर्व को सही लेवल पर रखने की जिम्मेदारी का मतलब यह है कि आरबीआई को लगातार फॉरेक्स मार्केट में हस्तक्षेप बनाए रखना होगा। इससे डॉलर में कमजोरी का फायदा रुपये को नहीं मिलेगा। हालांकि, दूसरी एशियाई करेंसी में मजबूती देखने को मिली है।

Source: MoneyControl