Defence Stocks: भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आज 7 जुलाई को तेज गिरावट देखने को मिली। पारस डिफेंस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) जैसी डिफेंस कंपनियों के शेयर 7% तक गिर गए। इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह मुनाफावसूली को माना जा रहा है। निवेशक डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आई हालिया तेजी के बाद मुनाफावसूली कर रहे हैं। निफ्टी डिफेंस इंडेक्स आज के कारोबार में 1 फीसदी से ज्यादा गिर गया। इसके चलते पिछले कारोबारी दिन की 1% बढ़त पूरी तरह मिट गई।
सबसे ज्यादा नुकसान पारस डिफेंस को
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान शेयर का भाव 7.84% टूटकर 860.4 रुपये के निचले स्तर तक आ गया। इससे पहले लगातार 4 दिनों पारस डिफेंस के शेयरों में तेजी देखी जा रही थी।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स के शेयरों पर भी दबाव देखा गया और ये कारोबार के दौरान क्रमश 2.03 फीसदी और 2.15 फीसदी तक टूट गए। बाकी डिफेंस की बात करें तो, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, कोचीन शिपयार्ड और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में 1 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
DCX Systems में तेजी
हालांकि इस गिरावट के बीच, DCX Systems के शेयरों में जोरदार उछाल देखा गया। शेयर का भाव 4% चढ़कर 297 रुपये के इंट्राडे हाई तक पहुंच गया। पिछले दो कारोबारी दिनों में कंपनी के शेयरों में कुल 6% की तेजी दर्ज की गई। यह उछाल कंपनी को डिफेंस इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए इंडस्ट्रियल लाइसेंस मिलने की खबर के बाद देखने को मिला।
कंपनी | शेयर में उतार-चढ़ाव |
---|---|
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज | –7.84% |
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) | –2.15% |
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स | –2.03% |
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स | –1% |
कोचीन शिपयार्ड | –1% |
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स | –1% |
DCX सिस्टम्स | +4% |
जियोपॉलिटिकल तनाव में नरमी से भी असर
डिफेंस शेयरों में गिरावट के पीछे एक दूसरी वजह जियोपॉलिटिकल तनाव में नरमी को भी माना जा रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि दोहा में चल रही गाजा युद्धविराम वार्ता को लेकर उनके वार्ताकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत बंधकों की रिहाई और युद्ध विराम समझौते को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है। ट्रंप ने कहा कि इस सप्ताह के भीतर समझौते का ऐलान हो सकता है।
निवेशकों की चिंता
मिडिल ईस्ट में अस्थायी युद्ध विराम से ग्लोबल स्तर पर डिफेंस इक्विपमेंट्स और सेवाओं की मांग में शॉर्ट-टर्म गिरावट की आशंका है। इससे उन भारतीय डिफेंस एक्सपोर्टरों पर असर पड़ सकता है, जिनसे हालिया महीनों में नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद में निवेशकों ने खरीदारी की थी।
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Source: MoneyControl