पिछले 15 साल में टेस्ला ने अपने शेयरधारकों को जबरदस्त रिटर्न देकर सबको चौंका दिया। वहीं दूसरी तरफ फोर्ड, निसान और माज्दा जैसी कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे। इस रिपोर्ट में जानिए कौन सी कार कंपनी रही सबसे आगे और किसे हुआ घाटा।
टेस्ला बना शेयर बाजार का बादशाह
Tesla ने बीते 15 सालों में निवेशकों को करीब 18,800% का रिटर्न दिया। इसका मतलब अगर आपने साल 2009 में टेस्ला के शेयर में ₹10,000 लगाए होते, तो आज वह रकम करीब ₹19 लाख होती। इलेक्ट्रिक कार मार्केट में टेस्ला ने तेजी से बढ़त बनाई और इनोवेशन ने टेस्ला को सबसे आगे पहुंचा दिया है।
BYD और टाटा मोटर्स ने भी दिया तगड़ा रिटर्न
BYD (चीन की ईवी कंपनी) ने 548% का रिटर्न दिया, वहीं टाटा मोटर्स ने 370% का। टाटा मोटर्स का फोकस इलेक्ट्रिक गाड़ियों और सेफ्टी पर रहा है, जिसने इसे इस रेस में बनाए रखा।
ये कंपनियां भी नहीं रही पीछे
Subaru (345%), Toyota (314%), Volvo (215%), और Kia (177%) ने भी अच्छी ग्रोथ दिखाई। इन कंपनियों ने समय के साथ अपनी टेक्नोलॉजी और डिजाइन में बदलाव किए, जिससे निवेशकों को लगातार फायदा मिला।
BMW, Honda, Hyundai: मुनाफा तो हुआ, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं
बीएमडब्ल्यू (100%), होण्डा (49%), हुंडई (42%), और मर्सिडीज-बेंज (41%) जैसी प्रीमियम कंपनियों का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा। हालांकि ये कंपनियां लगातार मुनाफे में हैं, लेकिन टेस्ला जैसी ग्रोथ इनमें नहीं दिखी।
Renault, GM, Volkswagen और Porsche का मिला-जुला प्रदर्शन
कुछ कंपनियों ने पिछले 15 सालों में ठीक-ठाक प्रदर्शन किया, लेकिन उतनी तेज ग्रोथ नहीं दिखी जितनी बाकी कंपनियों में। रेनॉ (40%), फ्रांस की यह कंपनी अपनी किफायती गाड़ियों और EV पार्टनरशिप्स के लिए जानी जाती है। हालांकि इन्वेस्टर्स को सीमित ही रिटर्न मिला है। जनरल मोटर्स- GM (39%), अमेरिका की यह दिग्गज ऑटो कंपनी ने ईवी सेगमेंट में कदम तो रखा, लेकिन टेस्ला जैसी ग्रोथ पकड़ नहीं पाई।वॉक्सवैगन (30%), दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनियों में गिनी जाने वाली वॉक्सवैगन अपनी मजबूत पकड़ के बावजूद बड़ी छलांग नहीं ले पाई। Porsche (26%), लग्जरी और स्पोर्ट्स कारों के लिए मशहूर पॉर्श का भी परफॉर्मेंस सीमित ही रहा है, भले ही ब्रांड वैल्यू काफी ऊंची है।
कौन-कौन सी कंपनियां रहीं घाटे में?
कुछ कंपनियों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। फोर्ड -11%, माज्दा -27% और निसान -45%। इन कंपनियों ने या तो टेक्नोलॉजी में देरी की या फिर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रेस में पिछड़ गईं।
क्यों रह गए पीछे?
जिन कंपनियों ने समय के साथ अपने ब्रांड और प्रोडक्ट में बदलाव किए, वे ग्राहकों की टॉप लिस्ट में पहुंच गए। यानी टेक्नोलॉजी को अपनाने की रफ्तार, इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस, और बाजार की बदलती मांग, यही वो वजहें रहीं जिनसे कुछ कंपनियों ने जबरदस्त छलांग लगाई और कुछ पिछड़ गईं।
Source: Mint