टाटा संस मुश्किलों से गुजर रहे e-commerce कारोबार टाटा डिजिटल में करेगा 40 करोड़ डॉलर का निवेश

100 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस, इसी ग्रुप की डिजिटल कॉमर्स इकाई,टाटा डिजिटल में 40 करोड़ डॉलर की पूंजी डालने की तैयारी में है। टाटा ग्रुप की योजनाओं की जानकारी रखने वाले सूत्रों से मनीकंट्रोल को ये जानकारी मिली है। कंपनी के डिजिटल कारोबार में बिगबास्केट,टाटा 1एमजी और टाटा क्लिक जैसे कंज्यूमर प्लेटफॉर्म शामिल हैं।

सू्त्रों का कहना है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) से टाटा संस को मिलने वाले डिविडेंट से यह निवेश किया जाएगा। उनका यह भी कहना है कि टाटा संस टीसीएस में अपनी हिस्सेदारी को और घटाने पर विचार नहीं कर रही है। डिजिटल कारोबार में डाला जाने वाला पैसा टीसीएस से मिलने वाले डिविडेंड का पैसा होगा।

बता दें कि 2024 में, टाटा संस ने अपनी बैलेंस शीट मज़बूत करने के लिए टीसीएस के 9,300 करोड़ रुपये से ज़्यादा मूल्य के शेयर बेचे थे। टाटा संस को वित्त वर्ष 2025 में टीसीएस से 32,700 करोड़ रुपये से ज़्यादा का डिविडेंड मिला है। टाटा समूह की इस होल्डिंग कंपनी के पास भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी में 71.77 फीसदी हिस्सेदारी है।

इस बारे में टाटा संस और टाटा डिजिटल को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

टाटा डिजिटल: मिलाजुला रिपोर्ट कार्ड

पैरेंट कंपनी की फंडिंग योजना ऐसे समय में आई है जब टाटा डिजिटल भारत के भारी प्रतिसपर्धा वाले ई-कॉमर्स लैंडस्केप में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रही है,जिससे बाहरी स्रोतों से धन उगाहने के प्रयास एक मुश्किल काम बन गया है।

2021 में बड़े धूमधाम से लॉन्च किए गए टाटा डिजिटल की कल्पना एक “सुपर ऐप” इकोसिस्टम के रूप में की गई थी, जो किराना (बिगबास्केट), हेल्थ सर्विस (टाटा 1एमजी), फैशन और इलेक्ट्रॉनिक्स (टाटा क्लिक)  को टाटा न्यू नाम के एक प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाता है। समूह ने तेज़ी से तमाम ब्रांडों का अधिग्रहण और इंटीग्रेशन किया,आक्रामक सेल्स टारगेट तय किए और अमेज़न, वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट और रिलायंस रिटेल जैसे मज़बूत प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार किया। हालांकि, प्लेटफॉर्म अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर पाया।

टाटा ग्रुप ने पिछले तीन सालों में डिजिटल कारोबार में 2 अरब डॉलर का निवेश किया

टाटा ग्रुप ने पिछले तीन सालों में डिजिटल कारोबार में 2 अरब डॉलर का निवेश किया है,लेकिन इसका यह कारोबार अभी भी अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे है। ब्लिंकिट और जेप्टो जैसे प्रतिस्पर्धियों ने बिगबास्केट को पीछे छोड़ दिया है। तेजी से बढ़ते “क्विक कॉमर्स” ने बाजार में ज्यादा हिस्सेदारी हासिल कर ली है। क्विक कॉमर्स कंपनियों की डिलीवरी तेज है और शहरी क्षेत्रों में उनकी पैठ गहरी है। इसका उन्हें फायदा मिल रहा है।

Source: MoneyControl