झुनझुनवाला को हुआ नुकसान
इससे कंपनी में झुनझुनवाला परिवार के निवेश में लगभग 900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यह गिरावट इसलिए हुई क्योंकि टाइटन का अप्रैल-जून (Q1) का कारोबारी अपडेट उम्मीद के मुताबिक मज़बूत नहीं था, जबकि सोने की कीमतें अस्थिर थीं.
झुनझुनवाला परिवार टाइटन में 5.15 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है, जो कि टाटा ग्रुप की कंपनी है. यह गिरावट टाटा की एक अन्य कंपनी ट्रेंट द्वारा भी उम्मीद से कम राजस्व वृद्धि के साथ निवेशकों को निराश करने के कुछ ही दिनों बाद हुई. इन बैक-टू-बैक निराशाओं ने निवेशकों के बीच इस बात को लेकर चिंता पैदा कर दी है कि क्या कंज्यूमर सेक्टर में हाई प्राइस टू अर्निंग (पीई) रेशियो वाले शेयर अपने वास्तविक प्रदर्शन की तुलना में बहुत महंगे हैं.
सबसे बड़ा असर टाइटन के मुख्य ज्वैलरी बिजनेस में देखा गया. कंपनी का घरेलू रेवेन्यू (भारत के भीतर) पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में केवल 18 प्रतिशत बढ़ा, जो विश्लेषकों की अपेक्षा (22-23%) से कम था. टाइटन के मुख्य आभूषण ब्रांड- तनिष्क, मिया और ज़ोया- का प्रदर्शन और भी खराब रहा, जिसमें केवल 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई (सोने की बिक्री को छोड़कर).
बिजनेस अपडेट
अप्रैल-जून 2025 तिमाही (Q1FY26) में टाइटन के कंज्यूमर बिजनेस में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस दौरान कंपनी ने 10 नए स्टोर भी खोले, जिससे इसके रिटेल दुकानों की कुल संख्या 3,322 हो गई.
टाइटन के भारत में ज्वैलरी बिजनेस में पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई. हालांकि, कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान सोने की कीमतों में बदलाव (अस्थिरता) ने ग्राहकों की खरीदारी के व्यवहार पर नकारात्मक असर डाला.
टाइटन ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि अक्षय तृतीया के दौरान बिक्री अच्छी रही, लेकिन जब मई से मध्य जून तक सोने की कीमतें बढ़ीं, तो ग्राहकों की खरीदारी धीमी हो गई. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में, तानेरा मिया ज़ोया (TMZ) और कैरेटलेन दोनों के लिए खरीदारों की संख्या समान (कोई वृद्धि नहीं) रही. सोने की ऊंची कीमतों के कारण, कई ग्राहकों ने भारी, अधिक महंगे आभूषणों के बजाय हल्के और कम कैरेट वाले आभूषण खरीदना पसंद किया.
अप्रैल-जून तिमाही में भारत में टाइटन के घड़ियों के कारोबार में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह मजबूत वृद्धि एनालॉग घड़ियों से हुई, जिसमें बेची गई घड़ियों की संख्या (मात्रा) और कुल बिक्री राशि (मूल्य) दोनों में वृद्धि हुई. सोनाटा ब्रांड ने अपने नए और बेहतर घड़ी मॉडल की बदौलत वृद्धि का नेतृत्व किया. इसके बाद टाइटन ब्रांड का स्थान रहा, फास्टट्रैक और अंतर्राष्ट्रीय घड़ी ब्रांड भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, सभी ने मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि दिखाई है.
Source: Economic Times