खूब चर्चा बटोर रही है यह सीमेंट कंपनी; 4 अगस्त को शेयर में दिख सकती है बड़ी तेजी

नई दिल्ली: अगर एक कंपनी अच्छी कमाई और मुनाफा कमाती है तो इसका असर उस कंपनी के शेयरों पर भी देखने को मिलता है। विशेषकर बायर्स शेयर की ओर तेजी आकर्षित होते हैं। एक ऐसी कंपनी जेके लक्ष्मी सीमेंट है। इसके मुनाफे में 30 जून 2025 को समाप्त हुए जून क्वार्टर के दौरान जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। इस बार के जून क्वार्टर में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर दोगुना बढ़कर के 149.8 करोड़ रुपए के लेवल पर पहुंच गया है। जो साल भर पहले के जून क्वार्टर में 56.68 करोड़ रुपए था। इस पॉजिटिव खबर की वजह से इस कंपनी की चर्चा निवेशकों के बीच में हो रही है। जिसका असर सोमवार को शेयरों में देखा जा सकता है।

टोटल इनकम भी बढ़ा

जेके लक्ष्मी सीमेंट कंपनी का जून क्वार्टर का टोटल इनकम भी 11.5% से उछल करके 1763.4 करोड़ रुपए के लेवल पर पहुंच गया है कंपनी के टोटल इनकम में यह तेजी जून क्वार्टर के दौरान JK Lakshmi Cement Ltd के वैल्यूम में आई बढ़ोतरी की वजह से हुआ है। 1 वर्ष पहले के जून क्वार्टर में कंपनी का टोटल इनकम 1576.96 करोड़ रुपए के लेवल पर था।
जानकारी के मुताबिक जून क्वार्टर में जेके लक्ष्मी सीमेंट कंपनी की सेल्स वॉल्यूम भी सालाना आधार पर 10% से उछल करके 3326 करोड़ रुपए के लेवल पर थी।

वहीं जून क्वार्टर में इस सीमेंट कंपनी का कुल खर्च 1559 करोड़ रुपए के लेवल पर पहुंच गया है जो दिखा रहा है कि सालाना आधार पर कुल टोटल खर्च में 6.68% की तेजी आई है।
जेके लक्ष्मी कंपनी का कुल मार्केट कैप 11460 करोड़ रुपए का है कंपनी मार्केट कैप के लिहाज से अपनी सेक्टर की 9वीं सबसे बड़ी कंपनी है। जेके लक्ष्मी सीमेंट कंपनी की सालाना 16.5 मिलियन टन कैपेसिटी है।

कितना रिटर्न दिया?

  1. जेके लक्ष्मी सीमेंट का शेयर बीते शुक्रवार के दिन 0.75% की तेजी के साथ 973 रुपए के भाव पर कारोबार करके बंद हुआ है।
  2. जेके लक्ष्मी सीमेंट शेयर ने 6 महीने में 21% रिटर्न दिया है।
  3. जेके लक्ष्मी सीमेंट शेयर ने पिछले 3 महीने में 25% रिटर्न बनाकर दिया है।
  4. 1 महीने में 2% रिटर्न और पिछले एक सप्ताह में 3% रिटर्न दिया है।

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times