ऑइल इंडिया से 175 मिलियन रुपये का ऑर्डर मिलने पर सालों से खामोश स्टॉक झूम उठा, अब मिल सकते हैं बड़े टारगेट

शेयर मार्केट में इन दिनों स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन देखा जा रहा है. कुछ स्टॉक में खबरों के कारण उनमें एक्टिविटीज़ देखी गई. United Drilling Tools Ltd के शेयर प्राइस में सोमवार को 2% की तेज़ी के साथ कारोबार हुआ और यह स्टॉक 228.60 रुपए के लेवल पर बंद हुआ.इस स्टॉक में पिछले कुछ सालों से खामोशी है और इसका रिटर्न फ्लैट रहा है लेकिन अब पिछले एक माह से इसमें 23% की तेज़ी देखी जा रही है. कंपनी को ऑइल इंडिया से बड़ा ऑर्डर भी मिला है, जिसका प्रभाव शेयर प्राइस पर देखा गया.

कनेक्टर्स के साथ बड़े ओडी केसिंग पाइप बनाने में विशेषज्ञ यूनाइटेड ड्रिलिंग टूल्स लिमिटेड (यूडीटीएल) ने भारत के ऑइल एंड गैस सेक्टर में एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) से 176.45 मिलियन रुपये का घरेलू ऑर्डर हासिल किया है.इ
इस कॉन्ट्रैक्ट में लाइन केसिंग पाइप और क्रॉसओवर पाइप की सप्लाय शामिल है और उम्मीद है कि यह पांच महीने के भीतर पूरा हो जाएगा, जिससे इंडस्ट्री में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में यूडीटीएल की स्थिति और मजबूत होगी.

इससे पहले कंपनी ने कनेक्टर के साथ बड़े बाहरी व्यास के आवरण पाइप की सप्लाय के लिए ऑइल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) लिमिटेड से 1075.47 मिलियन रुपये (जीएसटी सहित) का ऑर्डर दिया था. यह ऑर्डर जो लगभग नौ महीनों में पूरा होने वाला है, UDTL की कुल ऑर्डर बुक को अनुमानित 2500 – 2800 मिलियन रुपये तक बढ़ा देता है.
यह कॉन्ट्रैक्ट न केवल ONGC के साथ UDTL की साझेदारी को मजबूत करता है, बल्कि UDTL के कड़े गुणवत्ता मानकों और उच्च प्रदर्शन वाले उत्पादों और विश्वसनीय सेवाओं की निरंतर डिलीवरी में ग्राहक के विश्वास को भी बताता है.
साल 1985 में नोएडा उत्तर प्रदेश में स्थापित यूनाइटेड ड्रिलिंग टूल्स लिमिटेड (UDTL) एक प्रमुख निर्माता है जो कनेक्टर, वायरलाइन और वेल सर्विस उपकरण, गैस लिफ्ट उपकरण और डाउनहोल टूल के साथ बड़े OD केसिंग पाइप में एक्सपर्ट कंपनी है.

यूनाइटेड ड्रिलिंग टूल्स लिमिटेड का 52-वीक हाईएस्ट शेयर प्राइस 294.90 रुपये और 52-सप्ताह का न्यूनतम मूल्य 184.60 रुपये है. यूनाइटेड ड्रिलिंग टूल्स लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण 464 करोड़ रुपये है. यह स्टॉक 52 वीक के सबसे कम प्राइस 184.60 रुपये प्रति शेयर से 24 प्रतिशत ऊपर है.

Source: Economic Times