इस हफ्ते ये 5 बड़े इवेंट शेयर बाजार पर डालेंगे प्रभाव, सोच समझ कर करिएगा निवेश!

नई दिल्ली: बीते कारोबारी हफ्ते में भी भारतीय शेयर बाजार में सेलर्स का दबदबा देखने को मिला है। पिछले एक हफ्ते में सेंसेक्स इंडेक्स कुल 742 अंक गिरा है वहीं निफ़्टी 50 इंडेक्स कुल 232 अंक लुढ़का है। इस गिरावट के पीछे की सबसे मुख्य वजह अमेरिका के द्वारा भारत के ऊपर 25 फ़ीसदी के अतिरिक्त टैरिफ घोषणा को माना जा रहा है। फिलहाल इन्वेस्टर्स की पूरी नजर 11 अगस्त सोमवार से शुरू हो रहे कारोबारी सत्र पर है इस हफ्ते पांच बड़े फैक्टर्स पूरे दलाल स्ट्रीट को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप इस हफ्ते कुछ बड़ा निवेश करने वाले या फिर बड़ा ट्रेड लेने वाले हैं तो इन सारे फैक्टर को जान लीजिए।

जारी होंगे जून क्वार्टर रिजल्ट

अर्निंग सीजन अपने चरम पर है। सोमवार से कॉरपोरेट कंपनियां अपने क्वार्टर रिजल्ट पेश करेगी सोमवार से आपको अशोक लीलैंड, ओएनजीसी, बीपीसीएल, हिंडालको इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों के क्वार्टर रिजल्ट देखने को मिलेंगे। जिस वजह से इन सारे शेयरों में बड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है।

घरेलू बाजार के प्रमुख आंकड़े

11 अगस्त से शुरू हो रहे इस कारोबारी हफ्ते में ही कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स और होलसेल प्राइस इंडेक्स इन्फ्लेशन डाटा जारी होंगे। इसका प्रभाव भी शेयर बाजार पर पड़ता हुआ दिखाई देगा।

अमेरिका भारत ट्रेड डील वार्तालाप

अमेरिका और भारत के बड़े अधिकारियों के बीच अभी भी ट्रेड डील के संबंध में कई सारी चर्चा और एग्रीमेंट होने बाकी है। जिन पर फिलहाल के समय में चर्चा भी चल रही है इसलिए अगले हफ़्ते इससे जुड़े कुछ बड़े अपडेट आ सकते हैं जिसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।

एफआईआई/डीआईआई एक्टिविटी

भारतीय शेयर बाजार को फिलहाल के समय में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के निवेश की बड़ी जरूरत है। बीते शुक्रवार के दिन भारतीय बाजार में फिर से FII ने बाइंग की है। पिछले हफ्ते FII की नेट परचेज 1850.55 करोड़ रुपए रहा है वहीं DII ने 7437.36 करोड़ रुपए की खरीदारी की है।

कच्चे तेल

कच्चे तेल पर फिर से प्रेशर बनने की वजह से इसके इन्वेंटरी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जो मार्केट के सेंटीमेंट पर इस हफ्ते अपना प्रभाव छोड़ सकती है।

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times