इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल वैश्विक संकेतों, घरेलू महंगाई के आंकड़ों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियों पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके अलावा मानसून की स्थिति और व्यापार वार्ताओं से जुड़े घटनाक्रम भी निवेश धारणा को प्रभावित करेंगे।
बड़े आर्थिक संकेतक होंगे प्रमुख कारक
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा के अनुसार, इस सप्ताह कारोबारी गतिविधियों की दिशा तय करने में सीपीआई महंगाई जैसे उच्च आवृत्ति वाले आर्थिक आंकड़े अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, ‘इन आंकड़ों से मांग की स्थिति और रिजर्व बैंक की आगामी नीति संबंधी संभावनाओं का संकेत मिल सकता है।’
अजीत मिश्रा ने बताया कि मानसून की प्रगति और खरीफ फसलों की बुवाई की स्थिति भी बाजार की धारणा को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि इसका असर सीधे तौर पर ग्रामीण खपत पर पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों से भी प्रभाव
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में उतार-चढ़ाव और व्यापार वार्ताओं से जुड़े घटनाक्रमों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। ये कारक बाजार में अस्थिरता ला सकते हैं।
बीते सप्ताह बाजार में मजबूती
पिछले शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 746.95 अंक (0.92%) की तेजी के साथ 82,188.99 पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई निफ्टी 252.15 अंक (1.02%) चढ़कर 25,003.05 पर पहुंच गया।
नीतिगत संकेतों से समर्थन की उम्मीद
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बाजार में धीरे-धीरे तेजी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उम्मीद से अधिक ब्याज दरों में कटौती और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक रुख बाजार को समर्थन दे सकता है।’
हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिका द्वारा शुल्क नीति में अप्रत्याशित बदलाव और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव बाजार में अस्थिरता ला सकते हैं।
निवेशकों का भरोसा बढ़ने की संभावना
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि महंगाई में नरमी और आरबीआई की आक्रामक ब्याज दर कटौती से वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों का विश्वास मजबूत हो सकता है।
(डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।)
Source: Mint