क्या कहा ब्रोकरेज ने?
ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल ने स्टॉक पर कवरेज शुरू की है और निवेशकों को इसे खरीदने के लिए कहा है. इसके लिए ब्रोकरेज ने 670 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है. यह टारगेट प्राइस स्टॉक के लास्ट क्लोज्ड प्राइस से 34 प्रतिशत की तेज़ी की संभावना को दर्शाता है.
जेएम फाइनेंशियल का मानना है कि भारत के बढ़ते डेटा सेंटर (डीसी) मार्केट के कारण ब्लैक बॉक्स एक अच्छा निवेश है. कंपनी की मुख्य विशेषज्ञता नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी में है, जो इसे डेटा सेंटर की बढ़ती वैश्विक मांग से लाभ उठाने की मजबूत स्थिति में रखती है.
पिछले 12 तिमाहियों में, ब्लैक बॉक्स को एक प्रमुख वैश्विक सोशल मीडिया कंपनी से डेटा सेंटर से संबंधित 340 मिलियन डॉलर से अधिक की कीमत के सौदे मिले हैं. ब्लैक बॉक्स का वित्तीय प्रदर्शन तब से बेहतर हो गया है जब से इसे एजीसी नेटवर्क्स द्वारा अधिग्रहित किया गया है, जो एस्सार समूह का एक हिस्सा है.
अपनी रिकवरी के पहले चरण में, नई बनी ब्लैक बॉक्स लिमिटेड (विलय के बाद) ने वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 25 के बीच अपने EBITDA मार्जिन में 420 बेसिस प्वॉइंट्स (या 4.2%) का सुधार किया है. इस दौरान इसने प्रति शेयर आय (EPS) में 40 प्रतिशत औसत वार्षिक वृद्धि भी हासिल की. अब, कंपनी अगले चरण में आगे बढ़ रही है, जो विकास पर केंद्रित है, जिसमें विभिन्न बिजनेस सेक्टर को अधिक प्रभावी ढंग से लक्षित करने के लिए एक नई और अधिक विशिष्ट मार्केटिंग और बिक्री रणनीति (जिसे वर्टिकलाइज़्ड गो-टू-मार्केट रणनीति) का इस्तेमाल किया जा रहा है.
ब्लैक बॉक्स की नई व्यावसायिक रणनीति पहले से ही परिणाम दे रही है. कंपनी की ऑर्डर बढ़कर 504 मिलियन डॉलर हो गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7% की वृद्धि दर्शाता है, और इसके संभावित भावी सौदे (बिक्री पाइपलाइन) 2.5 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है.
कंपनी ने वित्त वर्ष 29 तक 2 बिलियन डॉलर का महत्वाकांक्षी रेवेन्यू टारगेट निर्धारित किया है, जबकि वित्त वर्ष 25 में यह 705 मिलियन डॉलर था. इस टारगेट में से, 600 मिलियन डॉलर अधिग्रहण से आने की उम्मीद है, जबकि बाकी कंपनी की अपनी वृद्धि पर निर्भर करेगा, जिसके लिए लगभग 18 प्रतिशत की वार्षिक ऑर्गेनिक वृद्धि दर की ज़रूरत होगी.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें)
Source: Economic Times