इन पांच पावर स्टॉक्स की बैंलेंस शीट और कमाई में सुधार, अब 29% तक रिटर्न की संभावना; जानें डिटेल्स

जैसे ही शेयर बाजार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है, वैसे ही यह जरूरी हो जाता है कि निवेशक हर सेक्टर की कंपनियों के अनुमानित रिटर्न पर नजर डालें, जिसे एनालिस्ट्स आंकते हैं. एक ही सेक्टर में अलग-अलग कंपनियों के रिटर्न अनुमान में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. इसका मतलब यह हो सकता है कि कुछ अच्छी खबरें पहले से ही स्टॉक्स की कीमतों में शामिल हो चुकी हैं. कुछ सेक्टरों में स्टॉक्स की कीमतें पहले ही बहुत तेजी से ऊपर गई हैं और अब वे अपने पहले के अनुमानित टारगेट के करीब पहुंच चुकी हैं. इन कंपनियों के रिटर्न अनुमान अब तभी सुधरेंगे, जब Q1 के नतीजे सामने आएंगे. यहां हम पावर सेक्टर पर नजर डालेंगे. एक ऐसा सेक्टर जहां यह बदलाव साफ दिख रहा है. अगर फिलहाल इस सेक्टर को लेकर बाजार में थोड़ी उम्मीद है, तो वह जायज है. चलिए पांच स्टॉक्स बताते हैं.

पावर सेक्टर में हुआ है सुधार

जब आप पावर कंपनियों की बैलेंस शीट देखेंगे, तो पाएंगे कि बीते कुछ वर्षों में उनकी स्थिति में सुधार हुआ है. कर्ज भले ही थोड़ा ज्यादा हो, लेकिन यह इस कारोबार की प्रकृति का हिस्सा है. अच्छी बात यह है कि अब उनकी कमाई के सोर्स मजबूत हो चुके हैं और कंपनियां अपने कर्ज को चुकाने की स्थिति में हैं.
इसलिए यह काफी संभव है कि जो पावर कंपनियां पिछले तीन सालों में दोबारा उठ खड़ी हुई हैं, उन्हें अब फिर से आंकने की जरूरत है क्योंकि उनके आंकड़े भी बेहतर हो रहे हैं.

हालांकि, जब कोई सेक्टर बहुत तेजी से रेटिंग में ऊपर आता है, तो यह सवाल उठता है कि कहीं स्टॉक्स ज्यादा तेजी से तो नहीं चढ़ गए? और यह डर उस समय और बढ़ जाता है जब पूरा बाजार अभी-अभी करेक्शन से निकला हो.
दूसरी तरफ, कुछ सेक्टर ऐसे होते हैं जो बहुत गहरे संकट से निकलते हैं और उन्हें वापसी में समय लगता है. लेकिन जब वापसी होती है, तो वह बहुत मजबूत होती है. पावर सेक्टर की कंपनियों के साथ भी शायद ऐसा ही हो रहा है.
एक और बात ध्यान में रखनी चाहिए. यह सेक्टर 2008 से 2014 के बीच मुश्किल दौर से गुजरा है, लेकिन पिछले एक दशक से इसमें सुधार जारी है. इसमें काफी हद तक सरकार की नीतियों का भी योगदान रहा है, जिसने सिस्टम को ठीक किया और कंपनियों के कामकाज को बेहतर बनाया.
इस दौरान इस सेक्टर ने खुद को बदला भी है. अब ज्यादातर कंपनियों के पास सब्सिडियरी या जॉइंट वेंचर्स हैं जो क्लीन एनर्जी क्षेत्र में काम कर रहे हैं. आने वाले तिमाहियों और वर्षों में इसका असर उनकी कमाई पर जरूर दिखेगा.

चेतावनी

लेकिन एक चेतावनी भी है. इस सेक्टर में कोई भी बदलाव लाने के लिए बहुत भारी निवेश की जरूरत होती है और इस बदलाव की गति धीमी होती है, जिसे बाजार तुरंत पसंद नहीं करता.
आज की लिस्ट में उन पावर कंपनियों को शामिल किया गया है जिनमें 29% तक का उछाल आ सकता है. ये डेटा Stock Reports Plus की 23 जुलाई 2025 की रिपोर्ट से लिया गया है और इसमें यह भी बताया गया है कि हर कंपनी को कितने एनालिस्ट्स कवर कर रहे हैं.

पावर सेक्टर के पांच पावरफुल स्टॉक्स

CESC

  • रेटिंग: 9 (Buy)
  • एनालिस्ट की संख्या: 10
  • संभावित रिटर्न: 14%
  • इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 76.0%
  • मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
  • मार्केट कैप: ₹23,575 करोड़
  • रेवेन्यू (₹ करोड़):
    • FY18: 10,559
    • FY19: 10,888
    • FY23: 14,555
    • FY24: 15,544
    • 9M FY25: 13,124

CESC Limited एक इंटीग्रेटेड पावर यूटिलिटी कंपनी है, जो कोयला खनन, बिजली उत्पादन और वितरण का काम करती है. इसका प्रमुख संचालन क्षेत्र कोलकाता और उसके आसपास के इलाके हैं, जहां यह अपनी खुद की उत्पादन क्षमता के साथ बिजली वितरण करती है. इसकी कुल उत्पादन क्षमता करीब 800 मेगावाट है, जिसमें थर्मल और रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स दोनों शामिल हैं. कंपनी की उपस्थिति कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तक है. इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश), कोटा, भरतपुर, बीकानेर (राजस्थान) और मालेगांव (महाराष्ट्र) में भी इसकी डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी हैं. इसकी एक प्रमुख सब्सिडियरी हल्दिया एनर्जी लिमिटेड है, जो अतिरिक्त उत्पादन क्षमता को संभालती है.
JSW Energy

  • रेटिंग: 5 (Buy)
  • एनालिस्ट की संख्या: 15
  • संभावित रिटर्न: 12%
  • इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 18.3%
  • मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
  • मार्केट कैप: ₹92,833 करोड़
  • रेवेन्यू (₹ करोड़):
    • FY18: 8,514
    • FY19: 9,506
    • FY23: 10,867
    • FY24: 11,941
    • 9M FY25: 8,556

JSW Energy Limited एक इंटीग्रेटेड पावर कंपनी है जो बिजली उत्पादन, पावर ट्रेडिंग, उपकरण निर्माण और खनन में काम करती है. इसके उत्पादन संयंत्रों में बासपा (300 मेगावाट), कर्चम वांगतू (1091 मेगावाट), बाड़मेर, विजयनगर और रत्नागिरी शामिल हैं. बासपा और कर्चम प्लांट हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं, जबकि विजयनगर प्लांट कर्नाटक में दो यूनिट्स के साथ 860 मेगावाट की क्षमता वाला है. कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 4,559 मेगावाट है, जिसमें 3,158 मेगावाट थर्मल, 1,391 मेगावाट हाइड्रो और 10 मेगावाट सोलर पावर शामिल हैं. कंपनी का बाड़मेर प्लांट लिग्नाइट खदानों के पास स्थित है, जिससे इसकी ईंधन लागत कम रहती है और संचालन कुशल रहता है.
NLC India

  • रेटिंग: 9 (Strong Buy)
  • एनालिस्ट की संख्या: 2
  • संभावित रिटर्न: 29%
  • इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 14.9%
  • मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
  • मार्केट कैप: ₹33,446 करोड़
  • रेवेन्यू (₹ करोड़):
    • FY18: 11,864
    • FY19: 10,778
    • FY23: 17,383
    • FY24: 13,946
    • 9M FY25: 11,445

NLC India Limited मुख्य रूप से लिग्नाइट और कोयला खनन और बिजली उत्पादन में लगी हुई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है. यह कंपनी लिग्नाइट और कोयले का खनन करती है और उसी से बिजली पैदा करती है, साथ ही सोलर और विंड एनर्जी जैसे रिन्यूएबल सोर्स से भी बिजली उत्पादन करती है. इसके दो प्रमुख बिजनेस सेगमेंट माइनिंग और पावर जेनरेशन हैं. NLC के पास 4 ओपनकास्ट लिग्नाइट माइन और एक ओपनकास्ट कोल माइन है. बिजली उत्पादन के लिए कंपनी के पास लगभग 3,640 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाले पांच पिटहेड थर्मल पावर स्टेशन हैं. इसके अलावा यह बिजली व्यापार का भी काम करती है. कंपनी की मुख्य सब्सिडियरी कंपनियों में NLC तमिलनाडु पावर लिमिटेड और नेवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड शामिल हैं.
NTPC

  • रेटिंग: 8 (Buy)
  • एनालिस्ट की संख्या: 23
  • संभावित रिटर्न: 24%
  • इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 36.8%
  • मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
  • मार्केट कैप: ₹3,30,511 करोड़
  • रेवेन्यू (₹ करोड़):
    • FY18: 92,448
    • FY19: 1,01,762
    • FY23: 1,76,691
    • FY24: 1,82,045
    • 9M FY25: 1,38,270

NTPC Limited देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी है, जिसका मुख्य व्यवसाय कोयले से बिजली पैदा करना है. इसका मुख्य बिजनेस सेगमेंट जनरेशन है, जहां जनरेशन में थर्मल पावर प्लांट्स के जरिए बिजली उत्पादन होता है. इसके अलावा कंपनी कंसल्टेंसी, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, रिगैसिफिकेशन, तेल-गैस की खोज और कोयला खनन जैसी सेवाएं भी देती हैं. NTPC की कई सब्सिडियरी कंपनियां हैं, जैसे NTPC विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड, कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड, नबीनगर पावर जनरेटिंग कंपनी, भारतीय रेल बिजली कंपनी, एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड, एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और रत्नागिरी गैस एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड.
Tata Power Company

  • रेटिंग: 9 (Hold)
  • एनालिस्ट की संख्या: 20
  • संभावित रिटर्न: 6%
  • इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 19.5%
  • मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
  • मार्केट कैप: ₹1,27,494 करोड़
  • रेवेन्यू (₹ करोड़):
    • FY18: 27,274
    • FY19: 30,300
    • FY23: 56,577
    • FY24: 63,273
    • 9M FY25: 48,382

Tata Power Company Limited देश की प्रमुख इंटीग्रेटेड पावर कंपनियों में से एक है जो बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है. इसके बिजनेस सेगमेंट में जनरेशन (हाइड्रो और थर्मल सोर्स से), रिन्यूएबल्स (सोलर और विंड एनर्जी से), ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन (ग्राहकों को बिजली पहुंचाने का नेटवर्क) और बाकी में (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, प्रॉपर्टी डेवलपमेंट और ऑयल टैंक लीजिंग) शामिल हैं. कंपनी भारत में कई राज्यों में सक्रिय है और इसकी रिन्यूएबल एनर्जी में लगातार बढ़ती भागीदारी इसे भविष्य के लिए तैयार बना रही है. Tata Power की रणनीति पारंपरिक एनर्जी से हटकर ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ने की है.

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Source: Economic Times