आरबीआई के रेट कट के फ़ैसले के बाद NBFC के स्टॉक बने रॉकेट, किसी ने टच किया 52 वीक हाई लेवल तो कोई इसके बिल्कुल नज़दीक

नई दिल्ली: शुक्रवार को बजाज फाइनेंस, एसबीआई कार्ड्स और दूसरे नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) के शेयरों में तेजी देखने को मिली. ऐसा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा एमपीसी (मोनेटरी पॉलिसी कमेटी) की बैठक के नतीजों की घोषणा के बाद हुआ, जिसमें आरबीआई ने मुख्य ब्याज दर में 50 बेसिस अंकों की कटौती करने और कैश रिज़र्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बेसिस अंकों की कटौती करने का फैसला किया.

इन स्टॉक में तेज़ी देखने को मिल रही

एनबीएफसी कंपनी SBI Cards and Payment Services Ltd के स्टॉक ने आरबीआई के फ़ैसले के बाद एकदम से रफ्तार पकड़ ली. यह रफ्तार इतनी तेज़ थी कि स्टॉक ने अपने 52 वीक हाई लेवल को भी टच कर लिया, जो कि 993.90 रुपये है. वहीं ख़बर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 5 प्रतिशत से ज़्यादा की रफ्तार के साथ ट्रेड कर रहे थे.
बजाज फाइनेंस में भी तेज़ी देखने को मिली, जो कि 5 प्रतिशत तक बढ़ गया. ख़बर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 5.46 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 9,422 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे. स्टॉक अपने 52 वीक हाई लेवल को टच करने के बिल्कुल नज़दीक है, जो कि 9,660 रुपये है. अगर यह तेज़ी बरकरार रही, तो स्टॉक एक नया 52 वीक हाई लेवल बना सकता है.

श्रीराम फाइनेंस भी 5.75 प्रतिशत तक बढ़ गया और 688 रुपये तक पहुंच गया. महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई और यह भी 5 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 276 रुपये के लेवल पर पहुंच गया.
चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी का स्टॉक भी 6 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ गया. Aadhar Housing Finance Ltd भी 2.61 प्रतिशत, पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड भी 3.26 प्रतिशत, RBL Bank Ltd भी 5.61 प्रतिशत और आदित्य बिरला कैपिटल लिमिटेड में भी 3.45 प्रतिशत की तेज़ी देखने को मिली.
शेयर की कीमतों में इस जबरदस्त तेज़ी की बदौलत निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज लगभग 1.83 प्रतिशत बढ़कर 26,870 के लेवल पर पहुंच गया.

क्या कहा आरबीआई गवर्नर ने?

आरबीआई की मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की मीटिंग के नतीजे साझा करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अनसिक्योर्ड लोन और क्रेडिट कार्ड सेगमेंट से जुड़ी समस्याएं कम हुई हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (एमएफआई) सेक्टर में वित्तीय तनाव अभी भी बना हुआ है.

गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि इन सेगमेंट (जैसे अनसिक्योर्ड लोन और क्रेडिट कार्ड) में काम करने वाले बैंक और एनबीएफसी पहले से ही अपने काम करने के तरीके में बदलाव कर रहे हैं. वे इस बात की जांच करने के तरीके में सुधार कर रहे हैं कि लोन लेने वाले लोग अपने लोन चुका सकते हैं या नहीं और बकाया राशि वसूलने में अधिक प्रयास कर रहे हैं, ताकि भविष्य में उन्हें बड़े जोखिमों का सामना न करना पड़े.

Source: Economic Times