अमेरिका की नई टैरिफ चाल से सहमा बाजार, निवेशक असमंजस में, मंगलवार को सुस्त शुरुआत के संकेत

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की हल्की चाल रही और कारोबारी सत्र बिना किसी दिशा के सपाट स्तर पर बंद हुआ। निवेशकों की नजर अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी के उस बयान पर थी जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि 1 अगस्त से उन देशों पर टैरिफ लागू होंगे, जिन्होंने अब तक अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर चिंता की लहर दौड़ा दी है।

तकनीकी विश्लेषण:

निफ्टी इंडेक्स पिछले एक सप्ताह से सीमित दायरे में घूम रहा है और किसी ठोस दिशा की कमी नजर आ रही है। सोमवार को इंडेक्स ने एक क्लासिक डोजी केंडल बनाई, जो निवेशकों में अनिर्णय और सतर्कता का संकेत देती है। आने वाले सत्रों में बाजार रेंज-बाउंड ही रह सकता है।

GIFT Nifty का संकेत:

एनएसई आईएक्स पर GIFT Nifty (पूर्व में SGX Nifty) में मंगलवार सुबह 2.50 अंकों की मामूली गिरावट दर्ज की गई और यह 25,513.50 पर ट्रेड कर रहा था, जो यह संकेत देता है कि मंगलवार का दिन भी बाजार के लिए सुस्त शुरुआत वाला हो सकता है।

India VIX और डर का माहौल:

इंडिया VIX इंडेक्स में 2% की तेजी आई और यह 12.56 के स्तर पर पहुंच गया। यह दर्शाता है कि निवेशक बाजार की अनिश्चितता को लेकर चिंतित हैं और वोलैटिलिटी बढ़ने की आशंका है।

अमेरिकी बाजार में गिरावट:

सोमवार को वॉल स्ट्रीट के प्रमुख इंडेक्स में गिरावट देखी गई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य व्यापार साझेदारों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की। इस फैसले के बाद टेस्ला के शेयरों में भी गिरावट आई, क्योंकि एलन मस्क ने एक नई अमेरिकी राजनीतिक पार्टी बनाने की बात कही।

एशियाई बाजार की मिली-जुली चाल:

हालांकि एशियाई शेयर बाजारों में कुछ मजबूती देखी गई क्योंकि ट्रंप ने संकेत दिए कि वे आगे भी व्यापार वार्ता के लिए तैयार हैं। जापान का टॉपिक्स इंडेक्स 0.2% चढ़ा, जबकि ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 0.4% गिरा। हैंगसेंग फ्यूचर्स स्थिर रहे और यूरोप का Euro Stoxx 50 फ्यूचर्स 0.9% ऊपर रहा।

कमोडिटी बाजार की हलचल:

सोने की कीमतें मंगलवार को स्थिर रहीं क्योंकि ट्रंप की टैरिफ घोषणा और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड की मजबूती के कारण इसकी बढ़त सीमित रही। वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में 2% तेजी के बाद मंगलवार को हल्की गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि निवेशक ओपेक+ के सप्लाई बढ़ाने के फैसले को पचा रहे थे।

रुपये में बड़ी गिरावट

:सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 54 पैसे गिरकर 85.94 पर बंद हुआ। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और डॉलर की मजबूती ने रुपये पर दबाव बनाया। इससे आयात महंगा होगा और महंगाई पर असर पड़ सकता है।

F&O बैन में RBL बैंक:

RBL बैंक को सोमवार को F&O सेगमेंट की बैन सूची में शामिल किया गया क्योंकि इसने 95% मार्केट-वाइड पोजीशन लिमिट को पार कर लिया था। इस कारण निवेशकों को ट्रेडिंग में सावधानी बरतनी पड़ सकती है।

(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)

Source: Economic Times