अपोलो हॉस्पिटल्स का प्रॉफिट 42% बढ़ा, ब्रेकआउट की रि-टेस्टिंग से शेयर प्राइस फिर उछल सकता है

अर्निंग सीज़न चल रहा है और कंपनियां अपनी तिमाही कमाई बता रही हैं. हेल्थकेयर सेक्टर की नामी कंपनी अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज ने मंगलवार को वित्तवर्ष 2026 की पहली तिमाही के अपने नतीजे घोषित किये, जिसमें कंपनी का टैक्स के बाद प्रॉफिट 42% बढ़ गया. अपोलो हॉस्पिटल्स ने पहली तिमाही में 433 करोड़ रुपये का कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट पोस्ट किया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के 305 करोड़ रुपये से 42% अधिक है. टैक्स के बाद प्रॉफिट में यह बढ़ोतरी बुधवार के ट्रेडिंग सेशन में कंपनी के शेयर प्राइस को बूस्ट कर सकती है.

नतीजों के बाद शेयर प्राइस कहां जा सकता है

Apollo Hospitals Enterprise Ltd के शेयर प्राइस मंगलवार को 7253 रुपए के लेवल पर बंद हुए. निफ्टी 50 इंडेक्स की इस कंपनी का मार्केट कैप 1.05 लाख करोड़ रुपए है. स्टॉक प्राइस बुधवार को गैपअप ओपनिंग दे सकता है और प्राइस 7500 रुपए के लेवल तक जा सकते हैं.
Apollo Hospitals के शेयर प्राइस फिलहाल जून माह के अंतिम सप्ताह में हुए अपसाइड ब्रेकआउट के रि-टेस्टिंग लेवल पर है, जहां से एक बार फिर स्टॉक ऊपर की ओर जा सकता है. पिछले माह इस लेवल से हुआ ब्रेकआउट इस स्टॉक को 7,635 रुपए के ऑल टाइम हाई लेवल पर ले गया था.

अपोलो हॉस्पिटल्स के चार्ट पर देखें तो 7040 का लेवल इसका प्रमुख सपोर्ट लेवल है.इस लेवल से ऊपर स्टॉक बुलिश साइड ट्रेड किया जा सकता है, जिसमें टारगेट 7500 रुपए के रहेंगे. स्टॉक में 7040 का लेवल नीचे की ओर ब्रेक हुआ तो फिर 6850 रुपए के लेवल देखने को मिल सकते हैं.

कंपनी का प्रॉफिट बढ़ा

अपोलो हॉस्पिटल्स का तिमाही आधार पर टैक्स के बाद प्रॉफिट (पीएटी) 11% अधिक रहा, जबकि चौथी तिमाही (वित्त वर्ष 25) में कंपनी द्वारा दर्ज 5,592 करोड़ रुपये की तुलना में राजस्व में 4.5% की वृद्धि हुई.
कंपनी ने हेल्थ सर्विस, रिटेल हेल्थ एंड डाइग्नोसिस, डिजिटल हेल्थ और फार्मेसी डिस्ट्रिब्यूशन और अन्य आय से राजस्व अर्जित किया. स्वास्थ्य सेवाओं का राजस्व Q1FY26 में 2,974 करोड़ रुपये रहा, जबकि Q4FY25 में 2,843 करोड़ रुपये और Q1FY25 में 2,654 करोड़ रुपये था.

एक्स्पेंस

कंपनी का खर्च सालाना और तिमाही आधार पर बढ़कर 5,313 करोड़ रुपये रहा. पिछली तिमाही में अपोलो हॉस्पिटल्स ने 5,148 करोड़ रुपये का खर्च दर्ज किया था, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 4,704 करोड़ रुपये था. ये खर्च अस्पताल द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले सामान, स्टॉक-इन-ट्रेड पर्चेज़, कर्मचारी लाभ और वित्तीय लागत पर किये गए.

Source: Economic Times