अनिल अंबानी की Reliance Power नुकसान से अब प्रॉफिट में आई, कंपनी का कर्ज़ भी हुआ कम, प्रमोटर्स का भी भरोसा बढ़ा

नई दिल्ली:अनिल अंबानी का पावर सेक्टर की कंपनी Reliance Power Ltd के स्टॉक में सोमवार को गिरावट देखने को मिल रही है. सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान तो स्टॉक में तेज़ी देखने को मिली थी लेकिन बाद में स्टॉक लुढ़क गया और लाल निशान पर ट्रेड करने लगा. यह गिरावट ऐसे समय में देखने को मिल रही है जब कंपनी ने अपने मजबूत तिमाही नतीजों का ऐलान किया है, जिसमें उन्होंने शानदार परफॉरमेंस दी है.

कंपनी का प्रॉफिट बढ़ा

अनिल अंबानी की कंपनी ने बताया कि उसने जून 2025 को समाप्त पहली तिमाही के लिए 44.68 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया. जबकि कंपनी को पिछले साल की इसी तिमाही में 97.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
इसके अलावा, कंपनी ने बताया कि ऑपरेशन से उसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 5.3 प्रतिशत घटकर 1,885 करोड़ रुपये रह गया. जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 1,992 करोड़ रुपये था. वहीं मार्च तिमाही से तुलना करें तो कंपनी का रेवेन्यू मार्च 2025 तिमाही में दर्ज 1,978.01 करोड़ रुपये से 4.7% कम रहा.

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कुल इनकम 2,025 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले के 2,069 करोड़ रुपये से 2 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाती है.
कंपनी ने सालाना आधार पर तो अपने नेट प्रॉफिट में सुधार किया, लेकिन तिमाही आधार पर इसके नेट प्रॉफिट में 64 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मार्च तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 125.57 करोड़ रुपये था.

कंपनी का कर्ज भी हुआ कम

कंपनी ने पहली तिमाही में अपने कर्ज को कम करने में शानदार प्रदर्शन किया. कंपनी ने जून तिमाही में कुल 584 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाया. रिलांयस पावर ने यह भी बताया कि उसका डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो भी इंडस्ट्री में सबसे कम है.

कंपनी का पैसे जुटाने का प्लान

अपने मौजूदा कर्ज़ को कम करने के बाद, रिलायंस पावर ने शेयर बेचकर और नए ऋण लेकर कुल 9,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना की घोषणा की है. कंपनी के नेतृत्व ने नए स्वामित्व वाले शेयर बेचकर इस राशि में से 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की विशेष रूप से मंज़ूरी दे दी है. यह शेयर बिक्री या तो क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के ज़रिए की जाएगी, जहाँ शेयर प्रमुख वित्तीय संस्थानों को बेचे जाते हैं, या फिर फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के ज़रिए, जिसमें जनता को और शेयर बेचे जाते हैं.

प्रमोटर्स का भी भरोसा बढ़ा

कंपनी में प्रमोटर्स का भरोसा बढ़ा है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, कंपनी के प्रमोटर समूह ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में अपनी हिस्सेदारी 23.3% से बढ़ाकर 25% कर लिया है. इसके अलावा, पब्लिक शेयरहोल्डिंग अभी भी 58.93% के साथ रिलायंस पावर की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है, लेकिन जून 2024 में इसमें कमी आई है, जो जून 2024 में पहले के 61% से घटकर 24.98% हो गई है.

Source: Economic Times