लोन धोखाधड़ी पर ईडी की जांच
हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को रिलायंस ग्रुप के चैयरमैन अनिल अंबानी से पूछताछ की है. यह पूछताछ बैंक लोन धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच का हिस्सा थी.
ईटी ब्यूरो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल अंबानी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जाँच के दौरान पूछे गए सवालों से संबंधित दस्तावेज़ जमा करने के लिए सात दिन का समय माँगा है.
इसके साथ ही, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बुधवार को अनिल अंबानी के करीबी सहयोगी रहे अमिताभ झुनझुनवाला से पूछताछ करेगा. गुरुवार को, ईडी रिलायंस समूह के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य और अंबानी के करीबी सहयोगी सतीश सेठ से भी इस मामले में पूछताछ करेगा.
रिलायंस समूह की कंपनियों—रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस कम्युनिकेशंस—को दिए गए लोन कथित तौर पर नॉन परफॉरमिंग एसेट्स (एनपीए) बन गए हैं, जिसका मतलब यह है कि कंपनियों ने लोन चुकाना बंद कर दिया है. कुल बकाया राशि लगभग 17,000 करोड़ रुपये की है, और इसमें लगभग 20 विभिन्न लेंडर्स (मुख्यतः बैंक और वित्तीय संस्थान) शामिल हैं.
प्राइवेट और सरकारी दोनों बैंकों सहित लगभग 20 बैंकों ने पिछले कुछ वर्षों में अनिल अंबानी की कंपनियों को लोन दिए थे. ये लोन चुकाए नहीं गए और अब नॉन परफॉरमिंग एसेट्स (एनपीए) बन गए हैं. रिलायंस समूह की जिन तीन कंपनियों को ये लोन मिले हैं, वे हैं रिलायंस होम फाइनेंस (आरएचएफएल), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (आरसीएफएल), और रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम). इन तीनों ने मिलकर बैंकों से लगभग 17,000 करोड़ रुपये का लोन लिया.
ईडी के पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार, आरएचएफएल पर 5,901 करोड़ रुपये से अधिक का लोन बकाया है, जबकि आरसीएफएल के मामले में यह राशि लगभग 8,226 करोड़ रुपये है और आरकॉम पर लगभग 4,105 करोड़ रुपये बकाया है.
ईटी ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, यस बैंक के अलावा, कई अन्य बैंकों ने भी रिलायंस समूह को लोन दिया. इनमें भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं.
Source: Economic Times