ग्रुप की योजना के अनुसार अदानी ग्रीन एनर्जी (AGEL) 2030 तक 21 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी. इसका लक्ष्य है कि रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता को FY25 में 14.2 GW से बढ़ाकर FY30 तक 50 GW किया जाए. वहीं अदानी पावर 2032 तक 22 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी और अपनी क्षमता को वित्त वर्ष 2025 के 17.6 GW से बढ़ाकर 41.9 GW तक ले जाएगी.
ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन
अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) 17 बिलियन डॉलर निवेश करेगी और वित्त वर्ष 2030 तक 30000 किमी ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का लक्ष्य रखती है जो मार्च 2025 तक की 19,200 किमी से काफी अधिक होगा. भारत की कुल इंस्टॉल्ड पावर क्षमता वित्त वर्ष 2025 में 475 GW से बढ़कर वित्त वर्ष 2032 तक 1000 GW तक पहुंचने का अनुमान है, जो 11 फीसदी की CAGR से बढ़ेगी.
इस दौरान पावर सेक्टर में 500 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश अवसर बनेंगे. वर्तमान में भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 172 GW है, जो वित्त वर्ष 2032 तक 571 GW तक पहुंच सकती है और इसमें 300 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश अवसर मौजूद है.
थर्मल पावर क्षमता 309 GW तक पहुंचने की संभावना
थर्मल पावर क्षमता वित्त वर्ष 2025 में 247 GW से बढ़कर वित्त वर्ष 2032 तक 309 GW तक पहुंचने की संभावना है, जिसमें 80 GW अतिरिक्त कोयला-आधारित क्षमता की आवश्यकता होगी. यह खंड अकेले में लगभग 91 बिलियन डॉलर का निवेश अवसर प्रदान करेगा.
अदानी पावर का कहना है कि कोयला अभी भी भारत की बेसलोड पावर का प्रमुख आधार बना रहेगा. बढ़ती मांग और रिन्यूएबल एनर्जी की अस्थिरता के बीच यह स्थिर और बड़े पैमाने पर सप्लाई सुनिश्चित करता है और देश की बढ़ती पीक डिमांड को पूरा करने के लिए यह बेहद जरूरी है.
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Source: CNBC